ओडिशा: उत्तरी जिलों में बाढ़ के खतरे के बीच निचले इलाकों से लोगों को निकाला गया

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 21, 2022

भुवनेश्वर। ओडिशा के बालासोर और मयूरभंज के जिला प्रशासन ने सुवर्णरेखा नदी में बाढ़ से निपटने के लिए निचले इलाकों में बड़े पैमाने पर निकासी अभियान शुरू किया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य पहले से ही लगातार बारिश के कारण महानदी में बाढ़ के प्रभाव से जूझ रहा है, जिससे सात लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, और उनमें लगभग पांच लाख अब भी 763 गांवों में फंसे हुए हैं।

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अधिकारियों के मुताबिक संबलपुर जिले के कुचिंडा इलाके में कम से कम दो शव निकाले जाने के साथ बारिश और बाढ़ से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हो गई। उनके अनुसार शुक्रवार रात को दीवार गिरने से दो लड़कियों समेत चार लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने कहा कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव क्षेत्र के कारण हुई भारी बारिश और बाद में झारखंड से गलुडीह बैराज से बाढ़ का पानी छोड़े जाने के कारण उत्तरी ओडिशा में सभी नदियां उफान पर हैं। विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी. के. जेना ने बालासोर और मयूरभंज के जिलाधिकारियों को एक संदेश में कहा, ‘‘निचले इलाकों से लोगों को निकालने में पंचायती राज व्यवस्था एवं महिला स्वयं सहायता समूहों के पदाधिकारियों और संबंधित अन्य लोगों को लगाएं।’’ इस बीच, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आपात स्थिति से निपटने के लिए रविवार को विशेष राहत आयुक्त के अधिकार बालासोर जिले के जिलाधिकारी को सौंप दिये।

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दरअसल राज्य सरकार ने सुवर्णरेखा नदी में बाढ़ के मद्देनजर जिले के कम से कम चार प्रखंडों-- बालियापाल, भोगराई, बास्ता और जालेश्वर की खतरा संभावित क्षेत्रों के रूप में पहचान की है जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। जेना ने ट्वीट किया, ‘‘मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के आदेश पर ओडिशा के एसआरसी बालासोर के जिलाधिकारी को सुवर्णरेखा नदी में बाढ़ से उत्पन्न आपात स्थिति से निपटने के लिए विशेष राहत आयुक्त के अधिकार प्रदान करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आपातस्थिति से निपटने के लिए बालासोर में एक हेलीकॉप्टर तैनात रखने का आदेश दिया।’’

उन्होंने कहा कि झारखंड में गलुडीह बैराज के अधिकारियों ने 16 फाटकों के माध्यम से लगभग छह लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है, जिससे सुवर्णरेखा नदी में जल स्तर बढ़ गया है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि बैतरणी नदी में किसी बड़ी बाढ़ का खतरा नहीं है। एसआरसी ने कहा कि बालासोर और मयूरभंज जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), ओडिशा आपदा त्वरित कार्य बल (ओडीआरएएफ) और दमकल सेवा के कर्मियों की 58 छोटी बचाव टीमों को तैनात किया गया है, जबकि भद्रक और जाजपुर में भी इसी तरह की व्यवस्था की गई है।

जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता बी. के. मिश्रा ने कहा कि महानदी डेल्टा में बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है। अपने हालिया बुलेटिन में भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि गहरा दबाव अब कमजोर होकर उत्तर पश्चिमी छत्तीसगढ़ और इससे सटे पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश और दक्षिणपूर्व उत्तर प्रदेश में कम दबाव में बदल गया है।

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