By दिव्यांशी भदौरिया | Jun 16, 2024
सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। हर माह में एक पूर्णिमा तिथि आती है, इस तरह से साल में कुल 12 पूर्णिमा आती है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ-साथ चंद्रदेव की पूजा विधिवत रुप से करने का विधान है। इसके साथ ही अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती चल रही है, तो इस दिन शनिदेव की पूजा करने से बेहद लाभ मिल सकता है। ऐसे में किसी जातक की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती चल रही है, तो उससे छुटकारा पाने के लिए शनिदेव को क्या चढ़ाने से लाभ हो सकता है।
काले तिल को शनिदेव को अर्पित करें
शनिदेव को काले बेहद पसंद है। उनके ऊपर तिल चढ़ाने से वे काफी प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। शनिदेव को कलयुग का न्याय देवता माना जाता है। उनके ऊपर तिल चढ़ाने से कई जन्मों के पापों का नाश होता है। शनि की दशा या साढ़े साती के दौरान शनिदेव को तिल चढ़ाने से पीड़ा कम होती है। अगर आपकी कुंडली में ग्रहों की शांति के लिए भी शनिदेव को तिल चढ़ाएं जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन खासकर तिल चढ़ाने व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
सरसों का तेल चढ़ाएं
ज्योतिष के अनुसार सरसों के तेल में नकारात्मक ऊर्जा को सोखने की क्षमता होती है। शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने से मानसिक शांति मिलती है। अगर किसी जातक की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है, तो ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में शनिदेव को सरसों तेल चढ़ाने से लाभ हो सकता है।
शमी का फूल चढ़ाएं
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिम आप शनिदेव को शमी का फूल अर्पित करने से व्यक्ति को सभी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है। शनिदेव को शमी के फूल चढ़ाने से धन लाभ होता है। शनि देव को शमी के फूल चढ़ाने से स्वास्थ्य लाभ होता है और रोगों से मुक्ति मिलती है।वहीं आप शनिदेव को शमी का फूल चढ़ाएंगे तो आपको नौकरी और व्यवसाय में सफलता प्राप्त होगी।