Chai Par Sameeksha: पुरानी पेंशन योजना अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचायेगी और आर्थिक असमानता बढ़ायेगी

By अंकित सिंह | Jan 16, 2023

प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह भी हमने राजनीतिक विषयों पर चर्चा की। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे जी। हमने प्रभासाक्षी के संपादक से सबसे पहला सवाल यही किया कि हिमाचल में कांग्रेस ने ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल कर दिया है। क्या इस साल होने वाले चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बनेगा और देश की अर्थव्यवस्था पर इसका क्या असर पड़ेगा? इसके जवाब में नीरज दुबे ने कहा कि कांग्रेस सरकार के इस ऐलान के बाद हमने देखा कि किस तरीके से कर्मचारियों में खुशी का माहौल है। उनकी खुशी स्वाभाविक भी है। पंजाब में भी इस पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब यह देखना होगा कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बनता है या नहीं बनता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में ज्यादातर लोग सरकारी सेवा में होते हैं। इसलिए हिमाचल में बड़ा मुद्दा बना। हालांकि गुजरात में यह मुद्दा नहीं बन पाया।


लेकिन, नीरज दुबे ने यह भी कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम को नेतागण तो लागू कर दे रहे हैं, लेकिन अर्थव्यवस्था के लिहाज से यह बहुत घातक और विनाशकारी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि अगर वह ओल्ड पेंशन स्कीम का वादा कर रही है तो क्या उसने पूर्व प्रधानमंत्री और अपने वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह से सुझाव मांगा था। तत्कालीन योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली को सबसे बड़ी ‘रेवड़ियों’ में से एक करार दिया है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मुफ्त उपहार संस्कृति का विरोध किये जाने को जायज ठहराया है। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बेहद करीबी रहे मोंटेक सिंह आहलूवालिया के इस बयान के बाद कांग्रेस को बताना चाहिए कि क्या हिमाचल और गुजरात में ओपीएस लाने के जो चुनावी वादे किये गये थे उस पर मनमोहन सिंह की स्वीकृति थी? उन्होंने कहा कि नई पेंशन स्कीम सबके लिए खुली है चाहे वह नीचे कर्मचारी हो या फिर सरकारी सभी अपना एक शेयर देना होता है। उन्होंने दावा किया कि ओल्ड पेंशन स्कीम से आर्थिक असमानता बढ़ेगी।

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प्रभासाक्षी के संपादक में कहा कि नेताओं को यह सोचना होगा कि आप जो वादा कर रहे हैं, वह जनता से छलावा नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि जो नियम है उसके मुताबिक राज्यों के पास पैसा नहीं आएगा तो वह कर्मचारियों को कहां से देंगे? हमने इसके नतीजे भी देखे हैं। पंजाब में कई कर्मचारियों की सैलरी देर से मिली। सरकार के पास तनख्वाह देने के पैसे नहीं है और आप पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की बात कर रहे हैं। अगर वित्तीय प्रबंधन ठीक नहीं होगा तो राज्य घाटे में जाएंगे और कई सारे ऐसे राज्य हैं जो लगातार घाटे में चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों को इस पर ध्यान देना होगा कि हमारी वित्त प्रबंधन अच्छी हो और उसके लिए जो किया जा सकता है, उन्हें करना चाहिए। 


प्रभासाक्षी के संपादक ने कहा कि बिहार  में सत्तारुढ़ गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि राम मंदिर नफरत की जमीन पर बनाया जा रहा है। अब बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बता दिया। उन्होंने कहा कि सवाल उठता है कि ऐसे बयानों पर सरकारें चुप्पी क्यों साधे रहती हैं? अदालतों की ओर से ऐसे मामलों पर क्यों स्वतः संज्ञान नहीं लिया जाता? उन्होंने कहा कि जगदानंद सिंह के बाद चंद्रशेखर का बयान दर्शाता है कि यह कोई संयोग नहीं बल्कि वोटबैंक की राजनीति का प्रयोग है।


- अंकित सिंह

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