धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश संविधान के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का करते हैं उल्लंघन: ओवैसी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 29, 2020

हैदराबाद। एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को भाजपा नीत राज्य सरकारों पर गलत तरीकों से धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश लाने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि ये संविधान के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। ओवैसी ने केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों को भी ‘कठोर’ बताते हुए नरेंद्र मोदी सरकार को किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले, रोजगार संबंधी कानून लाने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि कोई बालिग व्यक्ति जिससे चाहे, शादी कर सकता है और धर्मांतरण के खिलाफ इस तरह के कानून लाने की भाजपा की मंशा संविधान की खिल्ली उड़ाने की है। वह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जबरन धर्मांतरण के खिलाफ लाये गये एक अध्यादेश के क्रियान्वयन और मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल द्वारा मंगलवार को ऐसे ही एक कानून को मंजूरी दिये जाने का जिक्र कर रहे थे। 

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ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत का माहौल बना रही है।’’ उन्होंने कहा कि इस तरह के कानून संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 25 का स्पष्ट उल्लंघन हैं जो क्रमश: समानता के अधिकार, जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार तथा धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार से संबंधित हैं। हैदराबाद के सांसद ने कहा, ‘‘मैं भाजपा को चुनौती देता हूं कि वे किसानों को एमएसपी देने पर कानून क्यों नहीं बनाते जो समय की जरूरत है। पिछले कुछ सप्ताह से हजारों किसान मोदी सरकार के इन कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि वे (भाजपा) ऐसा करने के बजाय धर्मांतरण के खिलाफ ये अध्यादेश ला रहे हैं। ओवैसी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी चाहे मध्य प्रदेश में स्थानीय निकायों के चुनाव हों या गुजरात अथवा अन्य राज्यों के चुनाव हों।

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