By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 01, 2021
जम्मू। जम्मू और श्रीनगर के बीच सचिवालय को स्थानांतरित करने की पुरानी प्रथा दरबार स्थानांतरण को फिर से शुरू करने को लेकर आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) के एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। अपनी ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष एजाज काजमी के नेतृत्व में, जेकेएपी के सैकड़ों कार्यकर्ता यहां प्रेस क्लब के पास जमा हुए और दरबार स्थानांतरण को फिर से शुरू करने की मांग को लेकर धरना दिया और बाद में सिटी सेंटर की ओर मार्च करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
अधिकारियों ने बताया कि जेकेएपी के करीब 15 कार्यकर्ताओं को तब हिरासत में लिया गया जब उन्होंने बिना अनुमति के रैली निकालने की कोशिश की। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 20 जून को घोषणा की थी कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन पूरी तरह से ई-ऑफिस में परिवर्तित हो गया है, जिससे छमाही दरबार स्थानांतरण की प्रथा समाप्त हो गई है। सिन्हा ने कहा था, “अब जम्मू और श्रीनगर दोनों सचिवालय सामान्य रूप से 12 महीने काम कर सकते हैं। इससे सरकार को प्रति वर्ष 200 करोड़ रुपये की बचत होगी, जिसका उपयोग वंचित वर्गों के कल्याण के लिए किया जाएगा।” हालांकि, जम्मू में व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों सहित विभिन्न हितधारकों ने इस फैसले के खिलाफ खुले तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर की कि 1872 में महाराजा गुलाब सिंह द्वारा शुरू की गई इस प्रथा से दो क्षेत्रों के लोगों के बीच संबंध विकसित होने के अलावा जम्मू को आर्थिक रूप से बड़ा बढ़ावा मिलता है।
जम्मू में सर्दी बिताने के लिए कश्मीर के हजारों परिवार दरबार के साथ आते थे। काजमी ने कहा, हम दरबार स्थानांतरण की सदियों पुरानी प्रथा को बंद करने के सरकार के फैसले के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हम सरकार से लोगों के सर्वोत्तम हित में अपने फैसले की समीक्षा करने का आग्रह करते हैं। उन्होंने बेरोजगार शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार पैकेज की भी मांग की।