By एकता | Nov 09, 2025
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मई में हुए भारत-पाकिस्तान सीमा संघर्ष को सुलझाने के लिए एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सार्वजनिक रूप से धन्यवाद दिया है। हालांकि, भारत लगातार यह कहता रहा है कि दोनों देशों के बीच हुए समझौते में किसी तीसरे पक्ष की कोई मध्यस्थता नहीं थी।
शरीफ ने शनिवार को बाकू में अजरबैजान की 'विक्ट्री डे परेड' को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, 'यह राष्ट्रपति ट्रंप की बोल्ड और निर्णायक लीडरशिप थी जिसने पाकिस्तान और भारत के बीच संघर्षविराम करवाया, जिससे दक्षिण एशिया में शांति बहाल हुई, एक बड़ा युद्ध टल गया और लाखों लोगों की जान बच गई।'
10 मई को ट्रंप ने घोषणा की थी कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में हुई लंबी रात की बातचीत के बाद दोनों देश पूर्ण और तत्काल संघर्षविराम पर सहमत हुए थे। पाकिस्तान कई मौकों पर ट्रंप के इस दावे की तारीफ कर चुका है।
भारत ने शुरू से ही इस बात से इंकार किया है कि मई में दोनों देशों के बीच तनाव खत्म करने में किसी तीसरे पक्ष का कोई दखल था। नई दिल्ली लगातार यह कहती रही है कि 10 मई को चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद, भारत और पाकिस्तान आपसी समझौते पर पहुंचे थे।
भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम हमले में 26 आम नागरिकों के मारे जाने के जवाब में की गई थी, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था।
अपने भाषण में, शरीफ ने कश्मीर का भी जिक्र किया और कहा कि काराबाख में अजरबैजान की जीत उन सभी देशों के लिए उम्मीद की किरण है जो ज़ुल्म के खिलाफ लड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन वह किसी को भी अपनी संप्रभुता को चुनौती देने या क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने की इजाजत नहीं देगा। परेड में अजरबैजानी सेना के साथ पाकिस्तान और तुर्की की सैन्य टुकड़ियों ने भी मार्च किया, जिसमें जेएफ-17 थंडर जेट का फ्लाईपास्ट भी शामिल था।