By अभिनय आकाश | May 08, 2025
इधर भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान के लिए बड़ी आफत मचा दी। आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर, एक-एक आतंकी को मार कर पाकिस्तान को रोने पर मजबूर कर दिया। दूसरी तरफ पाकिस्तान के आंसू न रुके इस बात को बीएलए के लड़ाके पक्का कर रहे हैं। बीएलए के लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना के लिए आफत मचा रखी है। पाकिस्तानी सेना के काफिले पर बीएलए की तरफ से ताबड़तोड़ हमले किए गए। जिसे लेकर खबर मिल रही है कि 14 पाकिस्तानी जवान मारे जा चुके हैं। पाकिस्तान के लिए ये अब तक का सबसे बड़ा झटका है। पिछले 48 घंटे पाकिस्तान पर आफत की तरह बीत रहे हैं। एक तरफ पाकिस्तान के पालतू आतंकियों को भारत ने मार डाला और दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना पर बीएलए कहर बनकर टूट रहा है।
बीएलए के लड़ाकों की तरफ से इस पूरे हमले को लेकर वीडियो भी जारी की गई है। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि कैसे गाड़ी में बैठे पाकिस्तानी रेंजर्स आ रहे हैं और इन्हीं पाकिस्तानी सैनिकों की इस गाड़ी में बहुत तेज धमाका होता है। जिसकी चपेट में ये सारे जवान आ जाते हैं। जानकारी के मुताबिक 14 जवानों की मौत इस धमाके में हो चुके ही। ये पाकिस्तान के लिए एक और बड़ा झटका है। पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी यानी बीएलए ने सेना के साथ खूनी होली खेलनी शुरू कर दी है। बलूच लिबरेशन आर्मी के प्रवक्ता जीयंद बलूच के अनुसार, बलूच लिबरेशन आर्मी को विदेशी प्रॉक्सी कहने वाले भाड़े के हत्यारों को पता होना चाहिए कि पाकिस्तानी सेना खुद एक भाड़े का हथियारबंद गिरोह है जो चीनी पूंजी और पापा जोन्स पर पलता है। सेना की वर्दी का मतलब बदलता रहता है- कभी बंदरगाहों की रखवाली, गलियारों की रखवाली, कभी कर्जदाताओं की संतुष्टि के लिए सेवा करना।
हर युग में बदलते आकाओं की मर्जी के मुताबिक अपनी दिशा तय करने वाली सेना राष्ट्रीय सेना नहीं, बल्कि व्यापारिक सेना है। बलूच भूमि के स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा इस भाड़े के कब्जे वाली सेना पर हमले और भी तीव्रता से जारी रहेंगे। हाल के हमले बलूचिस्तान में गहरी जड़ें जमाए हुए और चल रहे संघर्ष को उजागर करते हैं, जहां अलगाववादी समूह लंबे समय से आजादी की मांग कर रहे हैं, पाकिस्तानी राज्य पर राजनीतिक बहिष्कार, आर्थिक शोषण और व्यवस्थित मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाते हैं। इन समूहों का तर्क है कि बलूचिस्तान प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, लेकिन इसका लाभ केंद्र सरकार और विदेशी संस्थाएं उठाती हैं, जिससे स्थानीय आबादी गरीबी और उपेक्षा में रहती है। भारी सैन्य उपस्थिति को व्यापक रूप से सुरक्षा के रूप में नहीं, बल्कि दमन के रूप में देखा जाता है, जो स्थानीय आक्रोश को बढ़ाता है और निरंतर विद्रोह को बढ़ावा देता है। इस प्रकार बलूच राष्ट्रवादियों और संघीय अधिकारियों के बीच बढ़ती खाई क्षेत्र में अस्थिरता का एक प्रमुख स्रोत बनी हुई है।
पाकिस्तान इस वक्त पहलगाम के कायराना हमले के बाद भारत की कार्रवाई का सामना कर रहा है। जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तोनाबूद कर दिया। जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर ने बुधवार को कबूल किया कि बहावलपुर में उसके संगठन के मुख्यालय पर भारतीय मिसाइल हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए हैं। अजहर के हवाले से जारी एक बयान में कहा गया कि बहावलपुर में जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह पर हमले में मारे गए लोगों में जैश सरगना की बड़ी बहन और उसका पति, एक भांजा और उसकी पत्नी, एक भांजी और परिवार के पांच अन्य बच्चे शामिल हैं। बयान में कहा गया कि हमले में अजहर के एक करीबी सहयोगी और उसकी मां तथा दो अन्य करीबी साथियों की भी जान चली गई।