Pakistan Bans Holi: पाकिस्तान के विश्विद्यालयों में अब होली नहीं मना सकेंगे छात्र, इस बात का दिया गया हवाला

By अभिनय आकाश | Jun 21, 2023

भारत के बंटवारे से  बने पाकिस्तान में आज इस्लामिक कायदे-कानूनों की वजह से अन्य धर्मों के लोगों का चैन से जीना मुश्किल हो गया है। वहां हिंदू, बौद्ध और ईसाईयों के अधिकार मुसलमानों से कम हो रहे हैं। अब पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग (एचईसी) ने विश्वविद्यालयों में होली मनाने पर रोक लगा दी है। एचईसी का आदेश कायद-ए-आजम विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा 12 जून को परिसर में होली मनाने और घटना के वीडियो वायरल होने के कुछ दिनों बाद आया है। एक नोटिस में आयोग ने कहा कि सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों का पालन करने के लिए छात्रों को इस त्योहार का पालन करने से मना किया गया है। 

इसे भी पढ़ें: SAFF Championship: टिकटों की अनुपलब्धता के कारण समूहों में पहुंची पाकिस्तानी टीम

इस तरह की गतिविधियां देश के सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों से पूरी तरह अलग होने का चित्रण करती हैं और यह देश की इस्लामी पहचान का क्षरण है। हालांकि इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सांस्कृतिक, जातीय और धार्मिक विविधता एक समावेशी और सहिष्णु समाज की ओर ले जाती है जो सभी धर्मों और पंथों का गहराई से सम्मान करता है। नोटिस में कहा गया कि छात्रों को निस्वार्थ निहित स्वार्थों के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है जो परोपकारी आलोचनात्मक सोच प्रतिमान से दूर अपने स्वयं के सिरों के लिए उनका उपयोग करते हैं। 

इसे भी पढ़ें: Abhinandan Varthaman Birthday: जब पाकिस्तान को उसके घर में चटाई थी धूल, ऐसे दिया था अभिनंदन वर्धमान ने वीरता का परिचय

छात्रों को इस तरह के आयोजनों से खुद को दूर रखने की सलाह देते हुए आयोग ने कहा कि पूर्व में यह सलाह दी जाती है कि एचईएल ऐसी सभी गतिविधियों से दूर रहें जो स्पष्ट रूप से देश की पहचान और सामाजिक मूल्यों के साथ असंगत हैं, जबकि यह सुनिश्चित करते हुए कि वे सख्ती से संलग्न हैं।  


प्रमुख खबरें

Sydney Bondi Beach पर आतंकी हमला: हनुक्का कार्यक्रम में फायरिंग, 11 की मौत

दिल्ली की हवा फिर जहरीली: AQI 459 के साथ ‘सीवियर’ श्रेणी में पहुंचा प्रदूषण

नशा, न्यायिक सुधार और रोस्टर व्यवस्था पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत की बेबाक राय — जानिए क्या कहा?

Stanford की रिपोर्ट: AI में भारत की धाक, दुनिया में तीसरे पायदान पर, विकसित देशों को पछाड़ा