जवान लड़कों का जोशीला खून है, भड़क जाता है, इसे ज्यादा सीरीयस न लें! श्रीलंकाई नागरिक की लिंचिंग पर बोला पाकिस्तान

By रेनू तिवारी | Dec 07, 2021

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ईशनिंदा के आरोप में भीड़ द्वारा एक श्रीलंकाई नागरिक को पीट-पीटकर मार डालने की घटना ने पूरे विश्व में पाकिस्तान की थू-थू कर रखी है। हर तरह से इस तरह की वारदात पर रोक लगाने की पाकिस्तान ने अपील की जा रही हैं। पाकिस्तान मंत्रिमंडल ने देश में भीड़ द्वारा हत्या पर अंकुश लगाने को लेकर संकल्प लेने का दिखावा किया है लेकिन इमरान सरकार के मंत्री ने ही श्रीलंकाई नागरिक की लिंचिंग को जायद ठहराते हुए इसे युवा खून का जोश करार दिया है। दुनियाभर में दहशत मचाने वाले आतंकियों का गढ़ माना जाने वाला पाकिस्तान एक मासूम की हत्या को धर्म के नाम पर जायज ठहरा रहा है।


पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट में एक कारखाने के श्रीलंकाई कर्मचारी की लिंचिंग पर बोलते हुए, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री परवेज खट्टक ने कथित तौर पर कहा कि इस्लाम धर्म का अपमान देश का युवा नहीं सह पाया और उसने घटना को अंजाम दिया। यह कुछ और नहीं बल्कि आज के युवा का ताजा खून है जो उबल जाता है जब उसके धर्म का अपमान किया जाता है। यह कोई बड़ी घटना नहीं है। न किसी जमात से जुड़ी हुई घटना है। ये बच्चे हैं गुस्से में हत्या हो गयी। 


कथित ईशनिंदा से जुड़ी एक घटना में शुक्रवार को पाकिस्तान में एक श्रीलंकाई फैक्ट्री मैनेजर की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी और आग लगा दी। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री परवेज खट्टक ने भी सोमवार को इस घटना पर एक बयान जारी करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने लिखा, "मैं मारे गए श्रीलंकाई के क्रूर उत्पीड़न की कड़ी निंदा करता हूं। घटना पाकिस्तान का प्रतिबिंब नहीं है। पाकिस्तान अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में चरमपंथ की निंदा करता है। जिम्मेदार लोगों को न्याय के लिए लाया जाएगा।" 


इस घटना से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है। कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों सहित 800 से अधिक लोगों की भीड़ ने पिछले शुक्रवार को लाहौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित सियालकोट जिले में एक कपड़ा कारखाने पर हमला किया था और उसके महाप्रबंधक दियावदनगे की हत्या करके उसके शव को आग लगा दी थी। प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल स्तर की एक बैठक के दौरान श्रीलंकाई नागरिक की हत्या के क्रूर कृत्य को लेकर गंभीर चिंता जतायी गई। मंत्रिमंडल बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, बैठक के प्रतिभागियों का विचार था कि लोगों और भीड़ को कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती और ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। बैठक में सूचना मंत्री फवाद अहमद, गृह मंत्री शेख रशीद अहमद, सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ, पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उस्मान बजदार के अलावा वरिष्ठ सैन्य और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। 

प्रमुख खबरें

IPL 2024 MI vs KKR: नहीं थम रहा मुंबई इंडियंस के हार का सिलसिला, 12 साल बाद कोलकाता ने वानखेड़े में फहराया जीत का पताका

Baramati में कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों ने बताई समस्याएं, Ajit-Sunetra से जनता को बड़ी उम्मीदें

Sharad Pawar के हाथ से फिसल रहा Baramati, अजित का बढ़ रहा दबदबा

रायबरेली से नामांकन के बाद बोले राहुल गांधी, बड़े भरोसे के साथ मेरी मां ने मुझे सौंपी परिवार की कर्मभूमि