By अभिनय आकाश | Dec 26, 2025
ब्रह्मोस मिसाइल का नाम सुनते ही कांप उठता है पाकिस्तान। हिंदुस्तान की यह वो वही मिसाइल है जिसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के छह एयरबेस को तबाह कर डाला था। पाकिस्तान के छह एयरबेस तबाह करने वाला ब्रह्मोस रीलोडेड। ऑपरेशन सिंदूर में रेंज 300 किमी अब 800 किमी तक मारक क्षमता। सोचिए ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज जब 300 किमी थी तब इसने पाकिस्तान में इतनी तबाही मचाई थी। अब नए वर्जन में इसे 450 किमी से लेकर 800 किमी तक करने पर काम चल रहा है। यानी नई ब्रह्मोस मिसाइल के आने के बाद दिल्ली से ही पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद को निशाना बनाया जा सकेगा।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के 6 एयरबेस तबाह कर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आई हमारी सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का नया अवतार जल्द दुनिया के सामने होगा। इसकी रेंज, रफ्तार और प्रहार करने की क्षमता तीनों ही विकसित की जा रही हैं। रक्षा सूत्रों के मुताबिक अभी ब्रह्मोस की रेंज 300 किमी है। अब इसके नए वर्जन तैयार हो रहे हैं, जिनकी क्षमता 450 किमी से 800 किमी तक होगी। वायुसेना के लिए इसका हल्का वर्जन भी तैयार करने में अहम प्रगति हो चुकी है। लड़ाकू विमान सुखोई एमकेआई 30 की अंडरबेली में लगाने के लिए ब्रह्मोस का ढाई टन वजनी वर्जन तैयार कर प्रोजेक्ट डिजाइन बोर्ड से आगे बढ़ गया है। इसके ग्राउंड ट्रायल की तैयारी चल रही है।
ब्रह्मोस दुनिया की सबसे घातक और तेज मिसाइलों में से एक है। यह दागो और भूल जाओ तकनीक पर मैक 3.0 गति से हमला करती है। दुश्मन के राडार इसे नहीं पकड़ पाते। 2016 में ब्रह्मोस एयरोस्पेस मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम का सदस्य बना। इसमें 35 सदस्य देश हैं। तब से ही ब्रह्मोस की रेंज 300 किमी से बढ़ाने का काम शुरू हुआ। विश्व व्यवस्था है कि जो देश इस रिजीम के सदस्य नहीं हैं, उन्हें 300 किमी से अधिक रेंज वाली मिसाइल तकनीक नहीं दी जा सकती है। इसीलिए ब्रह्मोस की रेंज सीमित थी। अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस की रेंज 450, 600 और 800 किमी करने के लिए नए वर्जन का काम चल रहा है। वायुसेना के लिए ब्रह्मोस का वजन घटा रहे हैं। जमीन-समुद्र से हमला करने वाली ब्रह्मोस 3 टन वजनी होती है। वायुसेना के लिए वजन घटाकर ढाई टन लाया जा रहा है।
ब्रह्मोस के इस नए वर्जन का पहला परीक्षण 2027 के अंत तक किया जा सकता है। लेकिन इस खबर से ही पाकिस्तान के होश उड़ गए। ब्रह्मोस दुनिया के सबसे तेज और घातक क्रूज मिसाइलों में गिनी जाती है। यह दागों और भूल जाओ तकनीक पर काम करती है और मैक 3 यानी साउंड की स्पीड 332 मीटर प्रति सेकंड से तिगुना रफ्तार से टारगेट पर हमला करती है। यानी एक ब्रह्मो से ही पूरे पाकिस्तान को मटियामेट करने के लिए काफी है।