By अभिनय आकाश | May 02, 2025
बेनजीर भुट्टो के बेटे और बिना मेहनत के पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बने बिलावल भुट्टो मंच पर खड़े होकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान कर रहे थे। पीएम मोदी के अपमान को सुनकर 50-50 रुपए लेकर भाषण सुनने आए ये पाकिस्तानी तालियां बजा रहे थे। बिलावल भुट्टो ये भाषण पाकिस्तान के सिंध प्रांत में दे रहे थे। लेकिन अचानक ऐसा खेल हुआ जिसने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है। पाकिस्तान के साथ ये खेल एक झंडे ने किया है। झंडे को मानो पाकिस्तान के सीने में गाड़ा गया है। दरअसल, पाकिस्तान में हर छोटा बड़ा नेता पीएम मोदी और भारत का नाम लेकर पॉपुलैरिटी चाहता है। इसी कड़ी में पाकिस्तान के इस शहजादे ने हजारों पाकिस्तानियों के बीच खड़े होकर ये बोला कि मोदी ने सिंधु नदी पर हमला कर दिया है। या तो अब सिंधू नदी बहेगी या खून बहेगा।
बिलावल भुट्टो फर्जी व बेवकूफी वाली बातें करते रहे और ये पाकिस्तानी तालियां पीटते रहे। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को निलंबित करने के बाद की गई विवादास्पद नदी में खून टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि जब युद्ध होता है, तो खून बहता है। इससे पहले शुक्रवार को सिंध प्रांत के सुक्कुर में एक सार्वजनिक रैली में बोलते हुए भुट्टो ने कहा कि सिंधु हमारी है और हमारी ही रहेगी या तो हमारा पानी इसमें बहेगा या उनका खून। वैसे बिलावल तो ऐसे भाषण देकर हेलीकॉप्टर में बैठ कर महल निकल जाएंगे। लेकिन ये पाकिस्तानी आवाम को आटे की लाइन में खड़ा होना पड़ेगा।
जिस वक्त बिलावल भुट्टो पीएम मोदी को धमकी दे रहे थे और ये किराए की आडियंस तालियां बजा रही थी। उसी वक्त सिंध प्रांत के मूल निवासियों ने बगावत शुरू कर दी। सिंध प्रांत के लोग अब भारत नहीं बल्कि पाकिस्तान की सरकार और वहां की सेना से सिंधु नदी को बचाना चाहते हैं। इन लोगों का कहना है कि सिंधु नदी पहले से ही पाकिस्तान सरकार की गलत नीतियों की वजह से सूख रही थी। लेकिन अब तो पाकिस्तान की बेवकूफी के चलते सिंधु जल संधि भी रद्द हो गई है। हम बेवजह पाकिस्तान की वजह से मारे जा रहे हैं। सिंध प्रांत के लोग अब सिंधु नदी को पाकिस्तान से बचाने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।
पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र में कथित तौर पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद स्थानीय लोगों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध करने और बिजली आपूर्ति को बाधित करने की धमकी दी है। वे कथित तौर पर एक नियोजित नहर परियोजना से अपर्याप्त जल आपूर्ति से परेशान हैं, जो सिंधु और सतलुज नदियों से पानी लेगी।
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