दिल्ली में स्कूल नहीं खोलने के फैसले पर अभिभावकों के संगठन, प्रधानाध्यापकों ने निराशा जताई

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 28, 2022

नयी दिल्ली\ दिल्ली में स्कूलों को नहीं खोलने के दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के फैसले पर स्कूल के प्रधानाध्यापकों और अभिभावकों के संगठन ने निराशा जताते हुए कहा कि स्कूलों को बंद रखना अब कोई समाधान नहीं है।

ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन (एआईपीए) के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा कि यह एक बहुत ही निराशाजनक कदम है और ‘‘निर्णय लेने वाले अदूरदर्शी फैसला ले रहे हैं’’ क्योंकि लंबे समय तक स्कूल बंद रहने से वर्ग विभाजन और शिक्षा में असमानता को बढ़ावा मिलेगा। अग्रवाल ने कहा, ‘‘छात्रों के पठन-पाठन और बचपन को पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है जिसकी भरपाई मुश्किल है।

स्कूलों को बंद करने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। इसने रोजगार के अवसर को कम कर दिया है और लोग बदहाल हैं। बहुत सारे लोग घर पर बेकार बैठे हैं और स्कूलों के फिर से खुलने का इंतजार कर रहे हैं।’’

‘श्री राम वंडर इयर्स’, रोहिणी की निदेशक सुमेधा गोयल ने सुझाव दिया कि ‘हाइब्रिड मॉडल’ को ध्यान में रखते हुए जूनियर कक्षाओं के लिए स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से फिर से खोला जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘स्कूलों को बंद रखना अब कोई समाधान नहीं है। जैसे एक बीज को पनपने-बढ़ने के लिए सही मात्रा में पानी, धूप, हवा की आवश्यकता होती है, उसी तरह एक बच्चे को सामाजिक संपर्क, मन और आत्मा के लिए भोजन, भावनात्मक कल्याण, समग्र विकास की जरूरत होती है।’’

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे और इस मुद्दे को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अगली बैठक में उठाया जाएगा। एमआरजी स्कूल, रोहिणी की प्रधानाध्यापक अंशु मित्तल ने कहा कि महामारी ने निस्संदेह लोगों को पाठ्यक्रम और शैक्षणिक तौर-तरीकों को संशोधित करने की जरूरत दिखाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘कई देशों ने स्कूल खोले हैं, हम शिक्षक अपने छात्रों के लिए काफी चिंतित हैं क्योंकि उन्हें शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। अब 15-18 वर्ष के आयु वर्ग के लिए टीकाकरण शुरू होने के साथ हम बच्चों के लिए टीकाकरण भी जल्द शुरू होने की उम्मीद कर रहे हैं।’’

मॉडर्न पब्लिक स्कूल की प्रधानाध्यापक अलका कपूर ने कहा, ‘‘कई किशारों को टीका लगाया गया है और अन्य आयु वर्ग के बच्चों को टीका लगाने का अभियान अप्रैल में शुरू होने वाला है।

पर्याप्त सावधानियों के साथ, हम अगर आगे बढ़ते हैं और अभी स्कूल खोलते हैं तो मुझे नहीं लगता कि कोई समस्या है।

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