By अंकित सिंह | Aug 09, 2022
बिहार में राजनीतिक उठापटक का दौर जारी है। नीतीश कुमार और भाजपा के बीच गठबंधन टूट चुका है। नीतीश कुमार कांग्रेस और राजद के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश में हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अब की परिस्थिति में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी किसके साथ खड़ी होगी? आपको बता दें कि यह पार्टी चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस की है जो कि केंद्र में मंत्री हैं। इसको लेकर पशुपति पारस ने साफ तौर पर कहा है कि हम एनडीए के साथ हैं और आगे भी बने रहेंगे। पशुपति पारस ने यह भी दावा किया है कि 2024 में एक बार फिर से नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र में एनडीए की सरकार बनेगी।
पशुपति पारस ने कहा कि जो भी हुआ अच्छा नहीं हुआ। पहले भी ऐसा हो चुका है। RJD और JDU की सरकार पहले भी बनी थी लेकिन चल नहीं पाई। फिर ये लोग मिलकर सरकार बना रहे हैं। ये बिहार के विकास के लिए शुभ संकेत नहीं है। हमारी पार्टी(LJP) NDA के साथ थी और आगे भी रहेगी। आपको बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद से एलजीपी दो धरों में बंट गया था। एक ओर चिराग पासवान थे तो वहीं दूसरी ओर पशुपति पारस थे। लोजपा में टूट की बड़ी वजह नीतीश कुमार को ही माना जा रहा था। कई बार तो खबर है ऐसी भी खबर थी कि नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की इसमें भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही थी।
लोकसभा सांसद और आरएलजेपी नेता प्रिंस राज ने कहा कि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) NDA के साथ है। हम अन्य दलों के फैसलों पर टिप्पणी नहीं करना चाहते लेकिन हम एनडीए के साथ हैं। हमें ऐसा नहीं लगा (भाजपा सम्मान नहीं दे रही है)। वे (जदयू) केवल उनके बारे में बता सकते हैं। पार्टी की बैठक में नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा था कि बिहार में भाजपा हमारी पार्टी को कमजोर कर रही थी। उन्होंने पार्टी के विधायकों और सांसदों से यह भी कहा है कि भाजपा की ओर से लगातार हमें अपमानित किया गया है। इस बैठक में पैसों के लेनदेन का मुद्दा भी उठा है। हालांकि, भाजपा नेता और बिहार सरकार में मंत्री शाहनवाज हुसैन ने साफ तौर पर कहा है कि हम किसी को कमजोर नहीं करते। हम सिर्फ अपनी पार्टी को मजबूत करते हैं।