By अनन्या मिश्रा | Feb 15, 2025
पितरों के दर्शन
गरुड़ पुराण में इस बात का भी वर्णन मिलता है कि जिस जातक की मृत्यु होने वाली होती है तो उसको पितृ दिखाई देते हैं। माना जाता है कि पितरों को देखने से व्यक्ति की मृत्यु के नजदीक होने के संकेत मिलते हैं।
परछाई का न दिखाई देना
गरुण पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति के अंतिम समय से पहले कुछ अशुभ संकेत दिखाई देते हैं। व्यक्ति की मृत्यु से पहले उसको तेल, घी, पानी और शीशे में अपनी परछाई दिखाई नहीं देती हैं। माना जाता है कि जब इस तरह के संकेत मिलते हैं, तो व्यक्ति का अंतिम समय नजदीक होता है।
रहस्यमयी दरवाजा
बताया जाता है कि जब जातक अपनी अंतिम सांसे ले रहा होता है, तो उसको एक रहस्यमयी दरवाजा दिखाई देता है। गरुड़ पुराण के मुताबिक उस रहस्यमयी दरवाजे से सफेद रोशनी की तेज किरणें दिखाई देती हैं। इस तरह का संकेत मिलने से मृत्यु के नजदीक आने के संकेत मिलते हैं।
यमदूत का दिखना
गरुड़ पुराण के मुताबिक मृत्यु से कुछ समय पहले व्यक्ति को यमदूत दिखाई देते हैं। माना जाता है कि यमदूत देखने से व्यक्ति की कुछ ही सांसें बचीं हैं।
कब किया जाता है गरुड़ पुराण का पाठ
बता दें कि किसी की मृत्यु के बाद गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है। माना जाता है कि मृत्यु के बाद पूरे 13 दिनों तक मृतक इंसान की आत्मा घर में रहती है। इसी कारण से गरुड़ पुराण का पाठ करने का विधान है। इससे मृतक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गरुड़ पुराण पाठ के नियम
इसका पाठ करने के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान में रखना बेहद जरूरी होता है।
गरुड़ पुराण का पाठ विधिपूर्वक और सच्चे मन से करना चाहिए।
गरुड़ पुराण को कभी भी घर पर रखने की गलती नहीं करनी चाहिए।
गरुड़ पुराण का पाठ करने के लिए हमेशा साफ कपड़े पहनने चाहिए।
इसका पाठ करने के दौरान किसी के बारे में गलत नहीं सोचना चाहिए।