पीएम मोदी ने संसद में वक्फ विधेयक पारित होने को 'महत्वपूर्ण क्षण' बताया, कहा- संशोधन 'विशेष रूप से उन लोगों की मदद करेगा जो...'

By रेनू तिवारी | Apr 04, 2025

राज्यसभा ने वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता बढ़ाने सहित कई महत्वपूर्ण प्रावधानों वाले वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को बृहस्पतिवार को लंबी चर्चा के बाद 95 के मुकाबले 128 मतों से मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक के पारित होने की सराहना की और कहा कि यह कदम सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास के सामूहिक प्रयास की दिशा में एक महत्वपूर्ण क्षण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए मददगार होगा जो लंबे समय से हाशिये पर हैं, जिन्हें आवाज उठाने और अवसर दोनों से वंचित रखा गया है। 

 

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वक्फ संशोधन विधेयक को संसद की मंजूरी एक ‘ऐतिहासिक क्षण’: प्रधानमंत्री मोदी

मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा कि दशकों से वक्फ प्रणाली पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी का पर्याय बन गई है, जिससे विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों और पसमांदा मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक का संसद के दोनों सदनों में पारित होना सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास के सामूहिक प्रयास की दिशा में एक महत्वपूर्ण क्षण है।’’ उन्होंने कहा कि संसद से पारित कानून पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे और लोगों के अधिकारों की रक्षा भी करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रत्येक नागरिक की गरिमा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी तरह हम एक मजबूत, अधिक समावेशी भारत का निर्माण भी कर सकते हैं।’’ प्रधानमंत्री ने संसद के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया जिन्होंने संसदीय और समिति की चर्चाओं में भाग लिया, अपने दृष्टिकोण व्यक्त किए और इन कानूनों को मजबूत बनाने में योगदान दिया। उन्होंने संसदीय समिति को बहुमूल्य सुझाव भेजने वाले अनगिनत लोगों का भी विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘एक बार फिर, व्यापक बहस और संवाद का महत्व साबित हुआ है।

 

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संसद ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दी

शुक्रवार की सुबह संसद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी। इससे पहले, राज्यसभा ने 13 घंटे से अधिक समय तक चली बहस के बाद इस विवादास्पद विधेयक को मंजूरी दे दी थी। विपक्षी दलों ने विधेयक को "मुस्लिम विरोधी" और "असंवैधानिक" करार दिया और सरकार ने जोर देकर कहा कि इस ऐतिहासिक सुधार से अल्पसंख्यक समुदाय को लाभ होगा।


आपको बता दें कि राज्यसभा ने वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता बढ़ाने सहित कई महत्वपूर्ण प्रावधानों वाले वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को बृहस्पतिवार को लंबी चर्चा के बाद 95 के मुकाबले 128 मतों से मंजूरी दे दी। इस विधेयक के बारे में सरकार ने दावा किया कि इसके कारण देश के गरीब एवं पसमांदा मुसलमानों एवं इस समुदाय की महिलाओं की स्थिति में सुधाार लाने में काफी मदद मिलेगी। इसी के साथ संसद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को मंजूरी प्रदान कर दी। लोकसभा ने बुधवार देर रात करीब दो बजे इन्हें पारित किया था। उच्च सदन ने विपक्ष द्वारा लाये गये कई संशोधनों को खारिज कर दिया। विधेयक पर तेरह घंटे से अधिक हुई चर्चा का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि 2006 में 4.9 लाख वक्फ़ संपत्ति देश में थीं और इनसे कुल आय मात्र 163 करोड़ रुपये की हुई, वहीं 2013 में बदलाव करने के बाद भी आय महज तीन करोड़ रुपये बढ़ी।


उन्होंने कहा कि आज देश में कुल 8.72 लाख वक्फ़ संपत्ति हैं। उन्होंने कहा कि विधेयक में वक्फ़ संपत्ति को संभालने वाले मुतवल्ली, उसके प्रशासन और उस पर निगरानी का एक प्रावधान है। रीजीजू ने कहा, ‘‘किसी भी तरीके से सरकार वक्फ़ संपत्ति का प्रबंधन नहीं करती और उसमें हस्तक्षेप नहीं करती।’’ उन्होंने कहा कि इस विधेयक के जरिये वक्फ़ मामलों में मुसलमानों के अलावा किसी अन्य का हस्तक्षेप नहीं होगा और इस बारे में जो भी भ्रांतियां फैलायी जा रही हैं, वे निराधार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने जेपीसी की रिपोर्ट के अनुसार विधेयक में कई बदलाव किए हैं इनमें जिलाधिकारी से ऊपर के रैंक का कोई अधिकारी वक्फ घोषित की गयी सरकारी जमीन की जांच करने का सुझाव शामिल है।


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