Pariksha Pe Charcha 2023 में PM Modi छात्रों को दे रहे जीत का मंत्र, छठे संस्करण में बताया हार्ड वर्क करने का तरीका

By रितिका कमठान | Jan 27, 2023

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जनवरी को परीक्षा पे चर्चा 2023 का आयोजन किया और इस कार्यक्रम के छठे संस्करण में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि 'परीक्षा पर चर्चा' मेरी भी परीक्षा है। देश के युवा का मन मेरे लिए बहुत बड़ा खजाना है, जिसको मैं पसंद करता हूं।

मदुरै से अश्विनी ने अपना सवाल पीएम मोदी के समने रखते हुए कहा कि घर परिवार की तरफ से होने वाले दवाब को संभालने का काम कैसे किया जाए। इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि पैरेंट्स को अपने बच्चोंके बारे में बाहर जाकर बड़ी बाते करते हैं। बच्चों से भी ऐसे ही अधिक उम्मीदें लगाने लगते है। ऐसे में बच्चों को इन दबावों से बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिकेट का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि क्रिकेट में स्‍टेडियम में लोग चौका, छक्‍का चिल्‍लाते रहते है, तो क्‍या खिलाड़ी पब्लिक की डिमांड पर चौके छक्‍के लगाता है? खिलाड़ी केवल गेंद पर ध्‍यान देता है। ऐसे में बच्चों के लिए जरुरी है कि सोशल स्टेट्स का दबाव बच्चों पर ना डाला जाए। बच्चे भी खुद पर हावी ना होने दे।

टाइम मैनेजमेंट को लेकर भी दिया मंत्र
समय परीक्षा का हो या नहीं हो, मगर टाइम मैनेजमेंट के साथ काम करने से इसे ठीक किया जा सकता है। जीवन में समय के प्रबंधन को लेकर जागरुक रहें।  काम का ढेर तब होता है जब नियमित रूप से काम नहीं किया जाता है। काम करने से संतोष होता है। काम करने से थकान नहीं हती है।

उन्होंने कहा कि अगर छात्रों को किसी विषय में रुचि नहीं है तो उस विषय के साथ ही पढ़ाई की शुरुआत करें। कठिन विषय को सबसे पहले उससे ठीक बाद पसंद का विषय पढ़ें। एक बार पसंद का और नापसंद का विषय पढ़ने से लाभ होता है।

पीएम मोदी ने टाइम मैनेजमेंट को लेकर मां का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि टाइम मैनेजमेंट को लेकर हर छात्र अपनी मां से सीख सखता है। मां का हर दिन का टाइम मैनेजमेंट काफी अच्छा होता है। मां के पास सबसे अधिक काम होता है। मगर टाइम मैनेजमेंट उसका सबसे बेहतरीन होता है, क्योंकि मां का कोई काम कभी देर से नहीं बल्कि समय पर होता है।

परीक्षा में चीटिंग को लेकर किया सवाल
परीक्षा में गलत काम होने को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि छात्रों को समझना चाहिए की जीवन, संसार बदल चुका है। ये जरुरी है कि एक परीक्षा से निकलने का अर्थ जीवन की हर परीक्षा पास कर ली, ऐसा जरुरी नहीं है। जीवन हर कदम पर परीक्षा लेता है, नकल करने वाला परीक्षा पास कर लेगा मगर जिंदगी पार नहीं कर सकेगा। नकल करने से परीक्षा में अच्छे अंक आ सकते हैं मगर जिंदगी में वो सफल नहीं हो सकेगा। 

वहीं जो छात्र कड़ी मेहनत करते हैं, वो अपने भीतर की ताकत ही आगे ले जाने में सक्षम हो सकती है। किसी दूसरे दोस्त को देखकर कभी गलत रास्ते पर नहीं जाना चाहिए। जिंदगी को जी भर कर जीने के लिए जरुरी है कि नकल या शॉर्टकट का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। 

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