By अभिनय आकाश | Feb 08, 2023
बीते कुछ दिनों से अडानी विवाद को लेकर गतिरोध का सामने करने वाले दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा में कार्यवाही देखने को मिली और अधिकांश विपक्षी दलों ने संसदीय कार्यवाही में भाग लिया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडानी विवाद को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को उनके आरोपों पर पलटवार भी किया। आज भी संसद में गरमागरम बहस जारी रही और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तरफ से संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच या आरोपों की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाए गए। विपक्ष के तमाम सवालों के बाद अब बारी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि पहले भी मुझे कई बार राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर धन्यवाद करने का अवसर मिला है। मैं धन्यवाद के साथ-साथ राष्ट्रपति जी का अभिनंदन भी करना चाहता हूं। अपने विजनरी भाषण में राष्ट्रपति जी ने हम सबको और करोड़ों देशवासियों का मार्गदर्शन किया। उनकी उपस्थिति ऐतिहासिक भी है और देश की बहन-बेटियों के लिए बहुत बड़े प्रेरणा का अवसर भी। आदिवासी समाज में जो गौरव की अनुभूति हो रही है और उनका जो विश्वास बढ़ा है। इसके लिए ये सदन और देश उनका आभारी है।
पीएम मोदी ने कहा कि यहां चर्चा में हर किसी ने अपने अपने आकड़ें और तर्क दिए... अपनी रूचि, प्रवृति और प्रकृति के अनुसार अपनी बातें रखी और जब इन बातों को समझने का प्रयास करते हैं तो यह भी ध्यान में आता है कि किसकी कितनी क्षमता, योग्यता और इरादा है। देश इन सभी का मूल्यांकन करता है। कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा ईकोसिस्टम,समर्थक…उछल रहे थे। और खुश होकर कहने लगे,ये हुई न बात! शायद नींद भी अच्छी आई होगी, शायद आज उठ भी नहीं पाए होंगे। ऐसे लोगों के लिए कहा गया है…अच्छे ढंग से कहा गया है…ये कह-कह कर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं,वो अब आ रहे हैं… जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत भी दिखाई दी है और हमारे जनजातीय समाज के प्रति उनकी सोच क्या है, लेकिन जब इस प्रकार की बातें टीवी के सामने कही गईं तो भीतर पड़ा हुआ जो नफरत का भाव था, वो सच बाहर आ ही गया। राष्ट्रपति जी का भाषण हो रहा था तो कुछ लोग कन्नी भी काट गए। एक बड़े नेता महामहिम राष्ट्रपति जी का अपमान भी कर चुके हैं। राष्ट्रपति जी ने अपने भाषण में कहा था, जो भारत अपनी अधिकांश समस्याओं के लिए दूसरों पर निर्भर था, वो आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का माध्यम बन रहा है।
जब राष्ट्रपति जी के भाषण पर चर्चा मैं सुन रहा था, तो मुझे लगा कि बहुत सी बातों को मौन रहकर स्वीकार किया गया है। यानी, राष्ट्रपति जी के भाषण के प्रति किसी को ऐतराज नहीं है। राष्ट्रपति जी ने यह भी कहा था… देश की एक बड़ी आबादी ने जिन सुविधाओं के लिए दशकों तक इंतजार किया, वे इन वर्षों में उसे मिलीं।देश सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की समस्याओं से मुक्ति चाहता था, वो मुक्ति उसे अब मिल रही है।