अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (कविता)

By कर्नल प्रवीण त्रिपाठी | Mar 08, 2022

नारी का दुनिया में सर्वाधिक गौरवपूर्ण सम्मानजनक स्थान है। नारी धरती की धुरा है। स्नेह का स्रोत है। कवि ने महिला दिवस के अवसर पर अपनी कविता में नारी के सम्मान और उसके कार्यों का बहुत ही सुंदर ढंग से वर्णन किया है। कवि ने कविता में लिखा है कि नारी का सम्मान एक ही दिन क्यों करें, महिला का सम्मान तो सदैव होना चाहिए।


नारी का सम्मान करें सब, करे साल भर प्रतिदिन काम।

उसके के सम श्रमशील न कोई, आँक नहीं पाये हम दाम।1


निज कृतज्ञता ज्ञापित करके, दें उसको समुचित सम्मान,

नित्य कर्म में हाथ बटा कर, उसको दें थोड़ा आराम।2


घर-बाहर मैदान सँभाले, शिकन न आती मुखड़े पर,

मौन साध कर्तव्य निभाती, और बढ़ाती कुल का नाम।3


कदम बढ़ाकर पग-पग चलती, कीर्तिमान रचती है नित्य,

उसकी प्रतिभा के दिखते हैं, नित नूतन जग को आयाम।4


नर-नारी में करें न अंतर, सभी रखें यह मन में ध्यान,

एक-एक जब ग्यारह होते, तब मिलता उत्तम परिणाम।5


एक चेतना अब जागृत हो, तत्व यही जीवन का मूल,

प्रतियोगी से सहयोगी बन, कर्म करें मिल कर निष्काम।6


दिवस मनाएँ एक बार क्यों,  आदर नारी को दें हम रोज,

सम्मानित जीवन मिल पाये, उसका होगा यही इनाम।7


- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

नोएडा

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