By अभिनय आकाश | Jan 16, 2023
नेपाल के पोखरा में प्लेन क्रैश को लेकर कुछ ऐसी बातें सामने आई हैं जिनसे हादसे की वजहों तक पहुंचा जा सकता है। जिस वक्त ये हादसा हुआ था उस समय मौसम साफ था। प्लेन की लैडिंग को लेकर एटीसी और पायलट के बीच कोई कन्फ्यूंजन था। जिस तरह आखिरी वक्त में पायलट और एटीसी के बीच बातचीत हुई थी। उसको लेकर हादसे को लेकर कुछ संकेत भी मिल रहे हैं। नेपाल की सिविस एविएशन ऑथरिटी के अनुसार हादसे के लिए मौसम जिम्मेदार नहीं था, क्योंकि रविवार को मौसम साफ था। विमान हादसा खराब मौसम नहीं बल्कि तकनीकि खराबी की वजह से हुआ है। विमान के पायलट ने एटीसी से लैंडिंग के लिए परमीशन भी ले ली थी। पोखरा एटीसी की ओर से लैंडिंग के लिए ओके भी कह दिया गया था। नेपाल की सिविस एविएशन ऑथरिटी का कहना है कि लैंडिंग से ठीक पहले विमान में आग की लपटें दिखाई दी थी।
चीन की मदद से बना था एयरपोर्ट
नेपाल का एटीआर 72 ट्विन इंजन टर्बो प्रॉप प्लेन हैं। इसे फ्रांस और इटली की कंपनी ने बनाया है। 72 यात्री ले जाने में सक्षम टीआर 72 की अधिकतम स्पीड 309 मील प्रति घंटा है। इसके अलावा सवाल पोखरा एयरपोर्ट को लेकर भी पूछे जा रहे हैं। दरअसल, जिस पोखरा एयरपोर्ट के पास प्लेन लैंडिंग से पहले क्रैश हुआ। उस एयरपोर्ट का निर्माण चीन ने किया है। एयरपोर्ट का उद्घाटन हाल ही में पुष्प कमल दहल प्रचंड ने किया था। ये महत्वपूर्ण परियोजना चीन की महत्वकांक्षी बेल्ड एंड रोड इनिसिएटिव सहयोग (बीआरआई) का हिस्सा थी।
नेपाल में हाल के दिन में हुए कुछ प्लेन हादसे
देश में पिछली बड़ी विमान दुर्घटना पिछले साल 29 मई को हुई थी, जब तारा एयर का एक विमान पर्वतीय मुस्तांग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें एक भारतीय परिवार के चार सदस्यों समेत इसमें सवार सभी 22 लोगों की मौत हो गई थी।
2016 में इसी एयरलाइन का एक विमान इसी मार्ग पर उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें सवार सभी 23 लोगों की मौत हो गई थी।
मार्च 2018 में, त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमान दुर्घटना में 51 लोगों की मौत हो गई।
सितंबर 2012 में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात लैंडिंग करते समय सीता एयर का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई थी।
पोखरा से जोमसोम उड़ान भरते समय एक विमान 14 मई 2012 को जोमसोम हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमे 15 लोगों की मौत हो गई थी।