PM मोदी बताएं कि देश का वित्त मंत्री आखिर कौन है: कांग्रेस

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 18, 2018

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर आर्थिक प्रगति के संदर्भ में नाकाम रहने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री देश को बताएं कि देश का वित्त मंत्री कौन है। पार्टी ने कहा कि 'आर्थिक कुप्रबंधन' की वजह यह है कि इस सरकार को समझ नहीं आया कि 'सामाजिक वैमनस्य और आर्थिक विकास साथ साथ नहीं चल सकते।' कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'देश का वित्त मंत्री कौन है? प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट कुछ कहती है, वित्त मंत्रालय की वेबसाइट कुछ कहती है। स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए। प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए कि उनकी सरकार में कौन वित्त मंत्री है?'

गौरतलब है कि अरुण जेटली के अस्वस्थ होने की वजह से कुछ महीने पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। तिवारी ने कहा, 'कल प्रधानमंत्री ने नीति आयोग की बैठक में कहा कि भारत की आर्थिक विकास की दर को दहाई के आंकड़े में ले जाने की जरूरत है और हम 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था होने वाले हैं। हम भी चाहते हैं ऐसा हो लेकिन हम प्रधानमंत्री से कुछ सवाल पूछना चाहते हैं।'

 

उन्होंने कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि यह संशोधित जीडीपी से संबंधित डेटा जारी क्यों नहीं किये जा रहे हैं? तिवारी ने कहा कि जीडीपी की दर 2004 से 2009 तक औसत 9.2 फीसदी थी। 2009-14 में 7.5 फीसदी थी। इस सरकार में औसत जीडीपी 7.1 फीसदी रही है। उन्होंने कहा, 'स्थानीय निजी निवेशकों द्वारा देश की अर्थव्यवस्था में निवेश करने के संदर्भ 2016-17 आर्थिक उदारीकरण के बाद का सबसे खराब साल रहा है।'

 

उन्होंने कहा कि चालू खाता घाटा इतना ज्यादा हो गया है कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय इकाइयां देश के वित्तीय प्रबन्धन को लेकर सवाल खड़े कर रही हैं। तिवारी ने कहा कि भारतीय बैंकिंग व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। जब हम कहते हैं कि यह सूटबूट की सरकार है तो ये आंकड़े उसकी पुष्टि करते हैं। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने हर साल दो करोड़ रोजगार का वादा किया था लेकिन इन चार वर्षों में हर साल औसतन सिर्फ ढाई लाख नौकरियां पैदा की गईं।'

 

कांग्रेस नेता ने पूछा कि प्रधानमंत्री जी से हम पूछना चाहते हैं कि क्या ये सही नहीं है कि 2014-2018 के बीच भारतीय बैंकों ने 392,765 करोड़ रुपये के क़र्ज़ बट्टे खाते में डाले? तिवारी ने कहा कि इस आर्थिक कुप्रबंधन की सबसे बड़ी वजह यह है कि इस सरकार को यह समझ नहीं कि सामाजिक वैमनस्य और आर्थिक विकास साथ साथ नहीं चल सकते। सामाजिक सद्भाव के बिना आर्थिक विकास संभव नहीं है।

 

विपक्षी एकता से जुड़े सवाल पर तिवारी ने कहा कि विपक्ष की एकता एक बुनियादी बात पर आधारित है कि भाजपा 'आइडिया ऑफ इंडिया' को ठेस पहुंचा रही है। इसलिए वक्त की मांग है कि सभी प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष और राष्ट्रवादी ताकतें साथ आएं। दिल्ली के राजनीतिक घटनाक्रम पर उन्होंने कहा, "जो हो रहा है बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।

प्रमुख खबरें

Baramati में कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों ने बताई समस्याएं, Ajit-Sunetra से जनता को बड़ी उम्मीदें

Sharad Pawar के हाथ से फिसल रहा Baramati, अजित का बढ़ रहा दबदबा

रायबरेली से नामांकन के बाद बोले राहुल गांधी, बड़े भरोसे के साथ मेरी मां ने मुझे सौंपी परिवार की कर्मभूमि

जीने के लिए केवल कुछ महीने का समय, पत्नी अनीता गोयल को कैंसर, नरेश गोयल की जमानत याचिका पर 6 मई को फैसला