Prithviraj Kapoor Death Anniversary | पाकिस्तान में जन्मे भारतीय अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के बारे में आपको जो कुछ भी जानना चाहिए, वह सब यहां है

By रेनू तिवारी | May 29, 2024

बदनाम कपूर परिवार भारतीय सिनेमा जगत में पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी छाप छोड़ कर लंबे समय से अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है। कपूर परिवार तब से सिनेमा जगत का हिस्सा रहा है, जब बोलती फिल्में सिनेमा में प्रचलन में नहीं थीं। मूक सिनेमा के दौर से लेकर ब्लैक एंड व्हाइट और रंगीन सिनेमा तक, कपूर उन चंद कलाकारों में से रहे हैं, जिन्होंने अपनी पहचान बनाई। पृथ्वीराज कपूर कपूर खानदान के पहले अभिनेता थे, जिन्होंने मनोरंजन जगत में अपनी पहचान बनाई। 1906 में जन्मे पृथ्वीराज कपूर की आज 52वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर जानें दिवंगत अभिनेता से जुड़ी रोचक बातें

 

इसे भी पढ़ें: पूरे दुनिया में क्यों ट्रेंड कर रहा है All Eyes On Rafah, भारतीय सेलिब्रिटी भी करने लगे शेयर, ऐसा क्या करने वाला है इजरायल?


परिवार

कपूर परिवार ने बॉलीवुड में 9 दशक से भी ज्यादा समय बिताया है और यह सफर अभी भी जारी है। 1928 से लेकर अब तक ऐसा कोई दौर नहीं रहा, जब कपूर खानदान से कोई न कोई फिल्म इंडस्ट्री में न रहा हो। साल दर साल इस परिवार ने सिनेमा जगत को बेहतरीन फिल्में दी हैं। इस परिवार के पहले पीढ़ी के अभिनेता पृथ्वीराज कपूर थे, जो फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने के लिए पाकिस्तान के पंजाब से मुंबई आए थे।


पृथ्वीराज कपूर का जन्म 3 नवंबर, 1906 को पेशावर में हुआ था। उनके पिता दीवान बशेश्वरनाथ कपूर, भारतीय शाही पुलिस में एक पुलिस अधिकारी थे, जो पेशावर शहर में तैनात थे। जब वे तीन साल के थे, तब उनकी माँ का निधन हो गया था। कपूर की उम्र 17 साल थी, जब उनकी शादी 15 वर्षीय रामसरनी मेहरा से हुई थी। दंपति की सबसे बड़ी संतान राज कपूर थे, उसके बाद शमशेर राज (शम्मी) और बलबीर राज (शशि) और एक बेटी उर्मिला सियाल थी। उनके दो और बच्चे भी थे, देविंदर और रविंदर, जो उनके जन्म के एक सप्ताह बाद ही मर गए।

 

इसे भी पढ़ें: Paresh Rawal Announces New Film | परेश रावल ने अपनी अगली फिल्म द ताज स्टोरी की घोषणा की, जानें कब शुरू होगी शूटिंग


करियर

पृथ्वीराज कपूर ने 8 साल की उम्र में अभिनय करना शुरू कर दिया था। जब बोलती फिल्में शुरू नहीं हुई थीं, तब पहले अभिनेता पृथ्वीराज कपूर ने मूक फिल्मों की ओर रुख किया और उनमें काम करते हुए अभिनेता ने खुद को काफी निखारा। उसके बाद जब पहली बोलती फिल्में शुरू हुईं, तो पहली बोलती फिल्म 'आलम आरा' बनी। अभिनेता बोलती फिल्मों के पहले खलनायक के रूप में उभरे। वर्ष 1931 में, जब अभिनेता मात्र 24 वर्ष के थे, उन्होंने भारत की पहली बोलती फिल्म 'आलम आरा' में एक बेहतरीन भूमिका निभाकर अपने अभिनय का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया।


अभिनेता पृथ्वीराज कपूर ने बचपन से लेकर जवानी और बुढ़ापे तक अपना पूरा जीवन अभिनय की दुनिया में बिताया। फिल्म 'मुगल-ए-आजम' में उनका अकबर का किरदार आज भी लोगों के जेहन में है, जिसे लोग आज भी खूब पसंद करते हैं। उन्होंने अपने जीवनकाल में 16 से अधिक फिल्मों और कई नाट्य नाटकों में काम किया। इसके अलावा, यह पृथ्वीराज कपूर ही थे जिन्होंने कपूर खानदान को फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग पहचान दिलाई। उन्होंने वर्ष 1944 में बॉम्बे में एक ट्रैवलिंग थिएटर कंपनी के रूप में मुंबई में पृथ्वी थिएटर की स्थापना की।


पुरस्कार और बाद के वर्ष

1969 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया। वे आठ साल तक मनोनीत राज्यसभा सदस्य रहे। पृथ्वीराज कपूर की मृत्यु 29 मई 1972 को कैंसर से हुई थी। उनकी पत्नी रामसरनी का निधन उनके पति के 16 दिन बाद 14 जून 1972 को कैंसर के कारण हुआ था। अभिनेता के दुनिया को अलविदा कहने के बाद कपूर खानदान की अगली पीढ़ी ने फिल्म जगत में उनकी विरासत को आगे बढ़ाया और उनकी चौथी पीढ़ी आज भी फिल्म जगत में अपना योगदान दे रही है।

प्रमुख खबरें

Horoscope 06 December 2025 Aaj Ka Rashifal: सभी 12 राशियों का कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें आज का राशिफल

Vishwakhabram: Modi Putin ने मिलकर बनाई नई रणनीति, पूरी दुनिया पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव, Trump समेत कई नेताओं की उड़ी नींद

Home Loan, Car Loan, Personal Loan, Business Loan होंगे सस्ते, RBI ने देशवासियों को दी बड़ी सौगात

सोनिया गांधी पर मतदाता सूची मामले में नई याचिका, 9 दिसंबर को सुनवाई