मैं हर चीज हासिल करना चाहती हूं: प्रियंका चोपड़ा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 27, 2017

नयी दिल्ली। प्रियंका चोपड़ा ने भले ही बरेली से बरास्ता बॉलीवुड, हालीवुड तक का फिल्मी सफर तय किया हो लेकिन अभिनेत्री का मानना है कि वह ‘‘लालची’’ हैं और वह कभी ये नहीं चाहती है कि उन्हें कोई बताए कि उन्हें सब कुछ हासिल नहीं हो सकता। 35 वर्षीय अभिनेत्री ने कल शाम सिरी फोर्ट सभागार में पेंगुइन वार्षिक व्याख्यान में ‘खुद का सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनाने के लिए जरूरी 12 नियमों ’ के बारे में बताया।

प्रियंका ने कहा, ‘‘ मैं सबकुछ चाहती हूं। इसमें तब तक कुछ गलत नहीं है जबतक आप किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं, या कुछ गलत नहीं कर रहे हैं। अपने लिए अधिक चाहने से डरना नहीं चाहिए....मैं नहीं चाहती हूं कि कोई मुझसे कहे कि मैं सब कुछ हासिल नहीं कर सकती।’’ पूर्व मिस वर्ल्ड ने कहा कि उन्होंने उस वक्त हॉलीवुड में संघर्ष करने का फैसला किया जब वह बॉलीवुड में अपनी कामयाबी के शिखर पर थीं और वहां उन्होंने अपना समानांतर करियर स्थापित भी किया।

प्रियंका ने कहा, ‘‘ मैं हर चीज का सपना देखती हूं और मेरे पास हर चीज होगी। अपनी महत्वाकांक्षा के लिए लालची बनो, भूखे बनो। अन्य व्यक्तियों द्वारा तय किए गए मानकों पर जीवन मत बिताओ। कोई आपसे यह कैसे कह सकता है कि आप क्या हैं और क्या हो सकते हैं।’’ प्रियंका को पश्चिम में ‘क्वांटिको’ टीवी कार्यक्रम से बड़ा मौका मिला था।

अभिनेत्री को पेंगुइन रेंडम हाउस द्वारा आयोजित 11वें संस्करण में ‘ब्रेकिंग द ग्लास सीलिंग : चेज़िंग ए ड्रीम’ (बंधनों को तोड़ सपनों को पूरा करना) थीम पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा कि ‘बंधनों को तोड़ने’ वाला वाक्य उन्हें परेशान करता है क्योंकि यह उनकी सारी उपलब्धियों और कड़ी मेहनत को उनसे छीन कर एक ‘बक्से’ में डालता है। इसे मौटे तौर पर पुरूष प्रधान समाज परिभाषित करता है।

उन्होंने कहा कि बंधनों को तोड़ना बेशक मेरा लक्ष्य नहीं था। मैं सिर्फ अपने सपनों और अपनी इच्छा का पीछा करना चाहती थी और अपना एक बेहतरीन संस्करण बनना चाहती थी। प्रियंका ने कहा,‘‘आज मैं जानती हूं कि मेरा रास्ता ,मेरा अपना रास्ता है और इस रास्ते में जो भी सफलताएं और विफलताएं आएंगी वे भी मेरी ही हैं। कभी अपने सपनों से समझौता मत करो।’’

राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त अभिनेत्री ने कहा कि उन्हें विफलताओं से नफरत है लेकिन उसके बाद हम जो उपलब्धि हासिल करते हैं वह नायाब होती है। उन्होंने कहा कि अवसरों की तलाश करनी चाहिए और तब अपना सबसे बेहतरीन काम दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी होने में कोई हर्ज नहीं है और ये बात औरतों को खासतौर से समझनी चाहिए।

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