By एकता | Dec 28, 2025
ब्रिटेन में रहने वाले हिंदू समुदाय ने शनिवार को लंदन स्थित बांग्लादेशी हाई कमीशन के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। 'हिंदुओं के लिए न्याय' नाम से आयोजित इस प्रदर्शन में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की गई। हालांकि, इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान उस समय तनाव बढ़ गया जब कुछ खालिस्तानी समर्थक बांग्लादेशी सरकार के समर्थन में वहां पहुंच गए।
बंगाली हिंदू आदर्श संघ और अन्य भारतीय संगठनों के सदस्यों ने 'हिंदू जीवन मायने रखते हैं' के नारे लगाए और सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया।
प्रदर्शनकारियों ने एक डिजिटल वैन का उपयोग किया, जिस पर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा के आंकड़े और तस्वीरें प्रदर्शित की गईं।
प्रदर्शनकारियों ने इस्कॉन संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और ईशनिंदा के झूठे आरोप में दीपू दास की सार्वजनिक लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या) की कड़ी निंदा की।
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, हिंदू समुदाय के प्रदर्शन के कुछ ही देर बाद वहां खालिस्तानी समर्थक भी पहुंच गए। वे बांग्लादेशी सरकार के समर्थन में झंडे लहराते और नारेबाजी करते देखे गए, जिससे माहौल काफी संवेदनशील हो गया।
लंदन में यह गुस्सा बांग्लादेश में हाल ही में हुई दो जघन्य हत्याओं के बाद फूटा है। दीपू चंद्र दास को ईशनिंदा के फर्जी आरोप में भीड़ ने उन्हें आग लगा दी थी। अमृत मंडल की 24 दिसंबर को राजबाड़ी जिले में भीड़ ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी थी।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इन घटनाओं पर गहरी चिंता जताई है। मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों के खिलाफ चरमपंथियों द्वारा बढ़ती हिंसा एक गंभीर वैश्विक मुद्दा है। प्रदर्शनकारियों ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।