पंजाब विधानसभा ने राज्य सतर्कता आयोग को भंग करने के लिए विधेयक पारित किया

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 01, 2022

पंजाब विधानसभा ने राज्य सतर्कता आयोग को भंग करने के लिए शुक्रवार को एक विधेयक पारित किया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह निकाय सरकारी खजाने पर केवल बोझ डालने का काम करता है और इससे किसी उपयोगी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होती। विधानसभा ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी से निपटने और ग्राम पंचायतों को गांव की साझा भूमि का एकमात्र मालिक बनाने वाले दो अन्य विधेयक भी पारित किए।

राज्य के लोक सेवकों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पिछली कांग्रेस सरकार ने पंजाब राज्य सतर्कता आयोग अधिनियम, 2020 के तहत राज्य भ्रष्टाचार रोधी निकाय की स्थापना की थी। मुख्यमंत्री मान ने पंजाब राज्य सतर्कता आयोग (निरस्तीकरण) विधेयक, 2022 को राज्य विधानसभा के तीसरे दिन पेश किया। उन्होंने विधेयक पेश करते हुए कहा कि राज्य आयोग अधिनियम में गंभीर खामियां हैं।

मान ने कहा कि सतर्कता आयोग राजकोष पर केवल बोझ डालता है और यह किसी उपयोगी उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर रहा, क्योंकि इसी मुद्दे से निपटने के लिए कई अन्य एजेंसी ​​​​हैं। उन्होंने कहा कि विरोधाभासी निष्कर्षों, परिणामों में देरी और संचार के अभाव से बचने के लिए पंजाब राज्य सतर्कता आयोग अधिनियम, 2020 को निरस्त करना आवश्यक हो गया है। पंजाब विधानसभा ने पंजाब वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2022 भी पारित किया।

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने जीएसटी विधेयक पेश करते हुए कहा कि कर चोरी करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने पंजाब ग्रामीण साझा भूमि (विनियमन) संशोधन विधेयक, 2022 भी पेश किया। इस विधेयक को भी सदन ने पारित कर दिया। इस संशोधन के बाद ग्राम पंचायतें गांव की साझा जमीन की एकमात्र स्वामी होंगी।

प्रमुख खबरें

मेरे साथ बहुत बुरा हुआ...स्वाति मालीवाल ने तोड़ी चुप्पी, बीजेपी से क्या की गुजारिश

Open AI का नया GPT-4o मॉडल क्या है? अबतक का सबसे तेज और शक्तिशाली AI, जानें इसकी खासियत

दीदी, वाम और श्रीराम: बंगाल का चुनाव, सबका अपना-अपना दांव, प्रदेश की सियासी लड़ाई के पूरे परिदृश्य को 5 प्वाइंट में समझें

जो महंगाई पहले डायन थी, अब महबूबा हो गई है, तेजस्वी का भाजपा पर वार, बोले- PM Modi से नहीं चलता देश