By Neha Mehta | Dec 05, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत–रूस रणनीतिक साझेदारी को ऊर्जा, चिकित्सा, तकनीक और वैश्विक मंचों पर नई दिशा देने वाली महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं।
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा: “हम भारत के कुडनकुलम में सबसे बड़ा भारतीय परमाणु ऊर्जा संयंत्र बना रहे हैं। छह में से दो इकाइयाँ पहले ही ग्रिड से जुड़ चुकी हैं और चार निर्माणाधीन हैं। पूरी तरह से चालू होने पर, यह भारत की स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा आवश्यकताओं में एक बड़ा योगदान देगा।”
कुडनकुलम परियोजना को भारत–रूस परमाणु सहयोग का सबसे बड़ा प्रतीक बताया जा रहा है, जो आने वाले वर्षों में भारत की ऊर्जा क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएगा। पुतिन ने बताया कि दोनों देश अब पारंपरिक परियोजनाओं से आगे बढ़कर उन्नत तकनीकों पर भी काम कर रहे हैं- “हम चिकित्सा और कृषि में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों, तैरते परमाणु संयंत्रों और गैर-ऊर्जा परमाणु तकनीकों की भी खोज कर रहे हैं।”
स्वास्थ्य क्षेत्र में भी एक बड़ा कदम उठाते हुए पुतिन ने कहा- “उन्नत भारतीय तकनीक का उपयोग करके उच्च गुणवत्ता वाली ट्यूमर-रोधी दवाओं का उत्पादन करने के लिए कलुगा क्षेत्र में एक बड़ा रूसी–भारतीय दवा संयंत्र स्थापित किया जाएगा।”
पुतिन ने आगे कहा कि रूसी उद्यम मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत विनिर्माण में भी भाग लेंगे।हमारे सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान लगातार बढ़ रहे हैं, और भारत में रूसी चैनल आरटी के शुभारंभ से दर्शकों को रूस को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। रूस और भारत स्वतंत्र विदेश नीतियों का पालन करते हैं और एक अधिक न्यायसंगत और लोकतांत्रिक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के लिए ब्रिक्स और एससीओ में मिलकर काम करते हैं। हम अपनी बातचीत से संतुष्ट हैं और आश्वस्त हैं कि यह यात्रा हमारी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगी।'
पुतिन के संबोधन ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत–रूस संबंध सिर्फ रक्षा और ऊर्जा तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि परमाणु तकनीक, दवा निर्माण, मेक इन इंडिया, शिक्षा, संस्कृति और वैश्विक कूटनीति में भी नए युग की शुरुआत होने जा रही है।