By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 07, 2018
नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दलित विरोधी मानसिकता को लेकर भाजपा-आरएसएस पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि इन संगठनों की ‘फासीवादी विचारधारा’ के मुताबिक दलितों को समाज के निचले पायदान पर ही बने रहना चाहिए। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए एक सप्ताह से भी कम समय बचा है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष ने एक वीडियो जारी कर भाजपा - आरएसएस नेताओं की दलित विरोधी कथित भावनाओं को उजागर किया।
राहुल ने देश में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा कि आरएसएस/भाजपा की मूल विचारधारा यह है कि दलितों और आदिवासियों को अवश्य ही समाज के निचले पायदान पर बने रहना चाहिए। इस वीडियो में यह खुलासा किया गया है कि यह मानसिकता कितनी खतरनाक है और किस तरह से आरएसएस / भाजपा नेता खुलेआम इसका प्रचार कर रहे हैं।
दो मिनट से अधिक समय के इस वीडियो में 2016 में गुजरात के उना में कुछ दलितों की पिटाई की घटना और मध्य प्रदेश में एक भर्ती परीक्षा के दौरान दलित उम्मीदवारों के सीने पर एससी / एसटी लिखे जाने की हालिया घटना सहित दलितों पर कथित अत्याचार की घटनाओं का जिक्र किया गया है। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ‘सबका साथ’ का उपदेश देते हैं, लेकिन उनके शासन में हर 12 मिनट पर दलित अत्याचार का सामना कर रहा है और हर दिन छह दलित महिलाओं से बलात्कार हो रहा है।
वीडियो में कहा गया है कि विकास के श्रीमान मोदी ब्रॉंड के हाथों दलित अनगिनत अत्याचारों का सामना कर रहे हैं... श्रीमान मोदी एससी/एसटी कानून का बचाव नहीं कर रहे हैं। इसमें कहा गया है कि मोदी के ‘न्यू इंडिया’ में दलितों को लगातार सताया जा रहा है। उनकी चुप्पी आरएसएस और भाजपा की मानसिकता को दर्शाती है। ‘क्या भारत एक ऐसे मुखर प्रधानमंत्री का हकदार नहीं है जो हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा करे? बोलिए श्रीमान मोदी।’
वहीं, कर्नाटक में एक चुनाव रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य के एक मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा, ‘कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जिसके पास ना तो दिल है ना ही वह दलित समर्थक है।’