Rajasthan: 'गहलोत ने पायलट के फोन टेप करवाए', CM के OSD के खुलासे पर BJP ने कहा- जांच होनी चाहिए

By अंकित सिंह | Dec 06, 2023

राजस्थान के निवर्तमान सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच आंतरिक कलह किसी से छिपी नहीं है। अशोक गहलोत के विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) ने दोनों नेताओं के बीच आंतरिक विवाद से जुड़ा एक और खुलासा किया है। ओएसडी ने खुलासा किया कि राजस्थान के पूर्व सीएम, अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर निगरानी रखी थी, जब उन्होंने अपने वफादार विधायकों के साथ 2020 में विद्रोह किया था। उन्होंने यह भी कहा कि सचिन पायलट का फोन भी टैप किया जा रहा था, जब वह उस साल 18 पार्टी विधायकों के साथ मानेसर में रूके थे। 

 

इसे भी पढ़ें: Gehlot से दो साल से सुरक्षा मांग रहे थे Sukhdev Singh Gogamedi, करणी सेना के अध्यक्ष की हत्या से क्षुब्ध समर्थक धरने पर बैठे


लोकेश शर्मा का आरोप

ओएसडी लोकेश शर्मा ने कहा कि राजस्थान में उस वक्त सियासी संकट खड़ा हो गया था जब सचिन पायलट 18 विधायकों के साथ मानेसर चले गए थे। यह बिल्कुल स्वाभाविक है कि सरकार उन लोगों पर नज़र रखने के लिए निगरानी उपाय करती है जिनसे कोई व्यक्ति मिल रहा है। सरकार गिरने की कगार पर थी। उन्होंने यह भी कहा कि पायलट के साथ-साथ उनके लोगों और उनकी बैठकों पर भी लगातार नजर रखी गई। ऐसी कार्रवाइयों के पीछे मुख्य कारण यह था कि यदि वह अपने विद्रोह के साथ आगे बढ़ते हैं तो सुधारात्मक कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस निगरानी के कारण ही हम कुछ लोगों को वापस लाने में सफल रहे। शर्मा ने कहा, ''किसी व्यक्ति का पीछा करना निगरानी का एक हिस्सा था।''


भाजपा की प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता सचिन पायलट की कथित फोन टैपिंग पर बीजेपी नेता दीया कुमारी ने कहा कि ये बहुत बड़ा आरोप है। अगर ओएसडी ने ऐसा कहा है तो जरूर कुछ सच्चाई होगी। इसकी जांच होनी चाहिए। अगर उसने ऐसा किया है तो यह गैरकानूनी है। शिव सेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि लोकेश शर्मा 5 साल तक अशोक गहलोत के साथ थे। उन्होंने तमाम बैठकों और आयोजनों में हिस्सा लिया। क्या उन्हें सारी कमियां हार के बाद ही नजर आ रही हैं? क्या वह पहले नहीं बोल सकते थे? इससे पता चलता है कि वह शुभचिंतक नहीं हैं...लेकिन हां, कुछ मुद्दे हैं जिन पर कांग्रेस पार्टी के भीतर चर्चा की जरूरत है। पार्टी को आत्ममंथन करना चाहिए कि दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच पहले भी विवाद हो चुका है - तो इसे कैसे सुलझाया जाना चाहिए। 

 

इसे भी पढ़ें: क्या फिर किसी शाही परिवार के हाथ में होगी राजस्थान की कमान, चर्चा में दीया कुमारी का नाम, जानें इनके बारे में


गहलोत और पायलट के बीच मतभेद

आरोपों पर कांग्रेस नेता गहलोत और पायलट या उनके सहयोगियों की ओर सेकोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। शर्मा को राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट से वंचित कर दिया गया था और चुनाव में पार्टी की हार के लिए वह गहलोत पर निशाना साध रहे हैं। शर्मा ने कहा कि अगर पिछले साल सितंबर की घटनाएं नहीं होतीं, जब विधायक दल की बैठक को गहलोत के वफादारों ने नहीं होने दिया था और कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने उस एजेंडे को पूरा किया होता जिसके लिए वे आए थे, तो राजस्थान में तस्वीर इससे कुछ अलग होती। कांग्रेस नेतृत्व नेतृत्व परिवर्तन करना चाहता था और पायलट को मुख्यमंत्री बनाना चाहता था। उन्होंने कहा कि गहलोत और पायलट के बीच मतभेदों ने पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया।

प्रमुख खबरें

राममंदिर आंदोलन से जुड़े डॉ. रामविलास वेदांती का निधन, सीएम योगी ने जताया दुख

Beauty Trends 2025: ग्लोइंग स्किन से सिंपल हेयरस्टाइल, 2025 के इन 5 टॉप ब्यूटी ट्रेंड्स से पाएं परफेक्ट लुक

फॉर्म में नहीं हैं सूर्या-गिल, फिर भी अभिषेक शर्मा बोले- ये ही बनाएंगे भारत को विश्व कप विजेता

हर जरूरतमंद की सेवा ही सरकार का लक्ष्य, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संकल्प