By अंकित सिंह | Nov 27, 2018
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का एक चौंका देने वाला बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सज्जाद लोन को CM बनाना चाहती है। इसके बाद उन्होंने कहा कि अगर मैं ऐसा करता तो ये बेईमानी होती इसलिए मैंने विधानसभा भंग कर दी। यह बयान उन्होंने दो दिन पहले दिया था।
बाद में अपने बयान से पलटते हुए मलिक ने कहा कि मेरे ऊपर दिल्ली से कोई दबाव नहीं था और उन्होंने जो कुछ भी किया वह राज्य के हित में था। सत्यपाल मलिक के इस बयान के बाद ही राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया। वहीं, भाजपा नेता कविंद्र गुप्ता ने तो मलिक को निष्पक्ष रहने तक की सलाह दे डाली।
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इससे पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने को लेकर उठ रहे सवालों के बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को कहा कि यदि महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला सरकार बनाने के प्रति गंभीर होते तो किसी के हाथों पत्र भेज सकते थे या फोन कर सकते थे।
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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा को राज्यपाल ने भंग कर दिया था और अपने फैसले का बचाव करते हुए मलिक ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि व्यापक खरीद-फरोख्त हो रही है और विपरीत राजनीतिक विचारधाराओं वाली पार्टियों के लिए एक स्थिर सरकार बना पाना असंभव होता। इसी के साथ मलिक ने कहा था कि उन्होंने राज्य के हित में और संविधान के मुताबिक काम किया।
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