मायावती के नए सियासी चाल के क्या है राजनीतिक मायने तो बिहार में किसका पलड़ा भारी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 31, 2020

राजनीतिक दृष्टिकोण से देश के दो महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार में इस वक्त पॉलिटिकल पारा चरम पर है। एक ओर जहां बिहार में इस समय विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है तो वहीं उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव ने नए समीकरण को सामने ला दिया है। बिहार में कौन, किस पार्टी के साथ चुनाव बाद जा सकता है इसको लेकर माथापच्ची है तो उत्तर प्रदेश में ऐसा लग रहा है कि मायावती भतीजे के खिलाफ तो हमलावर हो गई है लेकिन भाजपा की तरफ उनका रुख नरम है। इन्हीं विषयों को लेकर प्रभासाक्षी ने अपने साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में चर्चा की। आप ही देखिए

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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने अपनी पार्टी के सात बागी विधायकों को निलंबित कर दिया। इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशी रामजी गौतम के नामांकन का विरोध किया था। मायावती ने अपने कुछ विधायकों के पाला बदलने की अटकलों के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधा और कहा कि भविष्य में विधान परिषद और राज्यसभा चुनाव में सपा के उम्मीदवारों को हराने के लिए उनकी पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ेगी तथा जरूरत पड़ी तो भाजपा या किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को समर्थन देगी। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही बागी विधायक किसी भी अन्य पार्टी में शामिल होते हैं तो बसपा उनके खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन को सूचित किया गया है कि निलंबित विधायकों को पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए। 


कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने विधान परिषद चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को हराने के लिए भाजपा या किसी भी अन्य दल को समर्थन देने संबंधी बसपा प्रमुख मायावती के बयान को लेकर उन पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या इसके बाद भी कुछ बाकी रह गया है। प्रियंका ने मायावती के बयान का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘इसके बाद भी कुछ बाकी है?’’ कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कुछ महीने पहले भी मायावती को इशारों-इशारों में ‘भाजपा का अघोषित प्रवक्ता’ बताया था। 


समाजवादी पार्टी (सपा) ने राज्यसभा चुनाव में सपा प्रत्याशियों को हराने के लिए भाजपा तक का समर्थन करने के बसपा प्रमुख मायावती के बयान पर तंज करते हुए कहा कि इससे साबित हो गया कि मायावती की भाजपा से पहले से ही सांठगांठ है। सपा के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बातचीत में कहा कि मायावती का बयान इस बात की स्वीकारोक्ति है कि उनकी भाजपा से पहले ही सांठगांठ थी। उन्होंने कहा कि भाजपा से इसी अंदरूनी समझौते की वजह से मायावती ने विधानसभा में पर्याप्त संख्या बल ना होने के बावजूद अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा और अब यह कहकर कि राज्यसभा चुनाव में सपा को हराने के लिए वह भाजपा तक का समर्थन कर सकती हैं, बसपा प्रमुख ने अपनी पोल खुद ही खोल दी है। 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुजफ्फरपुर के पचरूखी चीनी मिल मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ये समय हवा-हवाई बातें करने वालों को नहीं, बल्कि जिनके पास अनुभव है, जो बिहार को एक गहरे अंधेरे से निकालकर यहां लाए हैं, उन्हें दोबारा चुनने का है। आप कल्पना कर सकते हैं, एक तरफ महामारी हो और साथ ही जंगलराज वाले राज करने आ जाएं तो ये बिहार के लोगों पर दोहरी मार की तरह हो जाएगा। जंगलराज के युवराज से बिहार की जनता पुराने ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर और क्या अपेक्षा कर सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य की जनता ने ‘जंगलराज’ के लिए जिम्मेदार लोगों को इस बार फिर से पराजित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा ,‘‘ हमसे पहले की सरकारों को अपने ‘कमीशन’ की बहुत चिंता रहती थी, मिथिला जैसे क्षेत्रों में संपर्क सुविधाएं मुहैया कराने की उन्होंने कभी चिंता ही नहीं की।’’ 


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अपनी चुनावी सभाओं में महिलाओं एवं पिछड़े वर्ग को आगे बढ़ाने और उनके सशक्तीकरण के लिये उनकी सरकार द्वारा उठाये गए कदमों को गिनाया और उन पर ‘विश्वास’ रखने और विपक्ष की बातों से ‘गुमराह’ नहीं होने की अपील की। खगड़िया जिला और परबत्ता में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा, ‘‘ आज लोग बोल रहे हैं लेकिन पहले कितना बुरा हाल था महिलाओं का। पहले महिलाओं की उपेक्षा की जाती थी, किसी ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया।’’ लालू प्रसाद पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अंदर (जेल) गए तो पत्नी को गद्दी पर बिठा दिया, लेकिन इसके अलावा महिलाओं के लिये कोई काम नहीं किया।’’

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