Prajatantra: महाराष्ट्र में MVA में दरार, आमने-सामने कांग्रेस और उद्धव की शिवसेना, पवार भी नाराज

By अंकित सिंह | Mar 28, 2024

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए एक महीने से भी कम समय बचा है। ऐसे में इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हो पा रहा है। महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी गठबंधन में मतभेद खुलकर सामने आ गए है। चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा करने का उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) का निर्णय एक विवाद का विषय बन गया है। कांग्रेस ने तीन प्रमुख सीटों पर यूबीटी के दावे पर आपत्ति जताई है। वहीं, शरद पवार भी उद्धव ठाकरे के इस कदम से नाराज है। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने सेना (यूबीटी) पर हमला किया और उस पर "गठबंधन धर्म" का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

 

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क्या है मामला

दरअसल, उद्धव ठाकरे की पार्टी ने बुधवार को 16 सीटों पर अपनी उम्मीदवार घोषित कर दी है। इनमें ऐसी कई सीटें हैं जिन पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार खड़ा करना चाहती थी। जैसे कि सांगली और मुंबई दक्षिण मध्य सीट। मुंबई दक्षिण मध्य लोकसभा सीट से अनिल देसाई के नाम की घोषणा की गई है जबकि कांग्रेस यहां से वर्षा गायकवाड़ को उतारना चाहती थी। उद्धव ठाकरे गुट का लगातार दावा है कि उनकी पार्टी 22 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में पार्टी ने 17 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। विवाद इसलिए भी बड़ा क्योंकि महा विकास आघाडी में लगातार बातचीत जारी है। ऐसे में उद्धव ठाकरे ने एक तरफ सूची जारी किया है जिससे कि कांग्रेस और शरद पवार नाराज हो गए हैं। 


शिवसेना (यूबीटी) का तर्क

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र की सांगली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने संबंधी फैसले पर कायम है। उन्होंने कहा कि किसी को भी ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मदद मिले। उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) ने अमरावती सीट भी कांग्रेस को दे दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को रामटेक सीट दी गई है इसलिए शिवसेना (यूबीटी) मुंबई उत्तर से चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि घटक दलों को गठबंधन को मजबूत करने और उसका विस्तार करने की जरूरत है। राउत ने कहा, ‘‘कांग्रेस को देश का नेतृत्व करना है और हम उसके प्रयास में पार्टी का समर्थन करते हैं। क्या कांग्रेस सिर्फ एक सीट (सांगली) के लिए भाजपा के खिलाफ लड़ाई छोड़ देगी?’’ उन्होंने कहा कि यदि विपक्षी गठबंधन एक इकाई के रूप में एकजुट रहता है, तो एमवीए सांगली सीट आसानी से जीत सकता है।


कांग्रेस नाराज

महाराष्ट्र में कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने शिवसेना (यूबीटी) से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए कहा था कि एमवीए के घटक दलों को ‘‘गठबंधन धर्म’’ का पालन करना चाहिए। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि कल की सूची में कुछ भी नया नहीं है। हम अभी भी मुंबई की सीटों पर चर्चा कर रहे हैं, इसलिए कमोबेश हम एक समझौते पर पहुंच गए हैं, हो सकता है कि एनसीपी के साथ एक या दो सीटों और शिवसेना के साथ कुछ सीटों को लेकर कोई मुद्दा हो। आज हम प्रचार की रणनीति बनाने के लिए बैठक कर रहे हैं और इस मुद्दे पर भी चर्चा होगी। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि मुंबई की एक सीट खैरात के तौर पर कांग्रेस के लिए छोड़ दी गई है। मैं इस फैसले का निषेध कर रहा हूं। मैं शिवसेना का भी निषेध करता हूं और कांग्रेस के जिस नेतृत्व ने शिवसेना के साथ वार्ता उसकी भी निंदा करता हूं। शिवसेना ने मुंबई उत्तर-पश्चिम के लिए जो उम्मीदवार घोषित किया गया है उसपर भ्रष्टाचार का आरोप है...मैं ऐसे खिचड़ी चोर उम्मीदवार के लिए काम नहीं करूंगा। उनका कहना था कि लगता है कि पार्टी नेतृत्व अपने कार्यकर्ताओं के बारे में चिंतित नहीं है। 

 

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शरद पवार नाराज

लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में ठाकरे समूह ने 17 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा ने महाराष्ट्र के सियासी पारे को बढ़ा दिया है। अब उद्धव गुट और कांग्रेस के नेताओं की जुबानी जंग के बीच शरद पवार नाराज बताए जा रहे हैं। पवार की दलील थी कि संयुक्त रूप से मीडिया के सामने आकर घटक दलों की सीट साझेदारी का ऐलान करना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं, एनसीपी-एससीपी प्रवक्ता विद्या चव्हाण ने कहा कि मुंबई की 6 लोकसभा सीटों में से उत्तर पूर्व मुंबई सीट सही मायने में एनसीपी (एससीपी) की है। हमारी मांग है कि सीट हमें आवंटित की जाए। अगर शिवसेना (यूबीटी) हमें वह नहीं देना चाहती है, तो हमारे दो नेता मध्य मुंबई सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। हम अपने कार्यकर्ताओं को इतना परेशान नहीं कर सकते। इसलिए, अगर महा विकास अघाड़ी एक साथ चुनाव लड़ती है, तो सभी को खुशी से ऐसा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) हमारी सहयोगी है। जिन 4 सीटों पर उन्होंने नामों की घोषणा की है, उनमें से उन्हें हमारी वाजिब सीट हमें देनी चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो हम सोचेंगे कि क्या करना है... मुझे यकीन है कि शरद पवार ये सीट हमारे पास लाएंगे।

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