RSS प्रमुख भागवत ने राष्ट्रवाद पर किया मंथन, पश्चिमी सोच और भारत की संस्कृति में बताया अंतर

By अंकित सिंह | Nov 29, 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि अन्य देशों की तुलना में, भारत में राष्ट्रवाद कोई मुद्दा नहीं है, और जो कोई भी आरएसएस को केवल एक 'राष्ट्रवादी' संगठन बताने की कोशिश कर रहा है, वह संगठन को समझने में गलत है। नागपुर पुस्तक महोत्सव को संबोधित करते हुए, भागवत ने कहा कि लोग हमें 'राष्ट्रवादी' कहते हैं। हमारा किसी से विवाद नहीं है, हम विवादों से दूर रहते हैं। यह हमारे स्वभाव का हिस्सा नहीं है। हमारी प्रकृति और संस्कृति साथ-साथ प्रगति करने की है। कई विदेशी देशों के साथ ऐसा नहीं है।

 

इसे भी पढ़ें: जयराम रमेश का सनसनीखेज दावा: RSS का संविधान से कोई वास्ता नहीं, PM-गृहमंत्री कर रहे इसके मूल्यों का विनाश


मोहन भागवत ने 'राष्ट्र' की भारतीय अवधारणा और राष्ट्र की पश्चिमी अवधारणा के बीच अंतर को भी स्पष्ट किया। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्र' का हमारा विचार उनके राष्ट्र के विचार से बहुत अलग है। उन्होंने देखा कि राष्ट्र का अंग्रेजी में क्या अनुवाद किया जाए। उन्होंने कहा कि यह एक राष्ट्र है, और इसे राष्ट्रवाद कहा। अब हम अपने शब्दों को नहीं, बल्कि उनके शब्दों को जानते हैं। यह दावा करते हुए कि भारत में राष्ट्रवाद कभी भी केंद्रीय मुद्दा नहीं रहा है, उन्होंने कहा कि भारत में राष्ट्रवाद कोई मुद्दा नहीं है; हमारा 'राष्ट्र' हमेशा से रहा है। हम राष्ट्रीयता की अवधारणा में विश्वास करते हैं, राष्ट्रवाद में नहीं। हम राष्ट्रवाद की अवधारणा में भी विश्वास करते हैं, राष्ट्रवाद हो सकता है।

 

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: इस्तीफे के बाद पहले भाषण में Jagdeep Dhankhar ने RSS को जमकर सराहा, Congress की सारी थ्योरी धरी की धरी रह गयी


भागवत ने राष्ट्रवाद के वैश्विक निहितार्थों पर भी विचार किया और संघर्षों को जन्म देने में इसकी भूमिका का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जब हम राष्ट्रवाद कहते हैं, तो वह राष्ट्रवाद के पश्चिमी विचार से जुड़ जाता है, जिसके कारण दो विश्व युद्ध हुए। राष्ट्र का अहंकार ही इसका कारण है। लेकिन हमारा 'राष्ट्र' अहंकार के अनुकूल नहीं है। यह अहंकार के विघटन के बाद अस्तित्व में आया है...लोगों ने खुद को एक माना है। 22 नवंबर से शुरू हुआ नागपुर पुस्तक महोत्सव 30 नवंबर तक नागपुर के रेशमबाग मैदान में चलेगा। साहित्य और शिक्षा के प्रति प्रेम का जश्न मनाने वाले इस आयोजन में शहर और उसके बाहर के सभी प्रकार के पाठकों के लिए 300 से अधिक स्टॉल लगे हैं।

प्रमुख खबरें

सोशल मीडिया बैन से वीजा जांच तक: बदलती वैश्विक नीतियां और बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव

MGNREGA की जगह नया ग्रामीण रोजगार कानून, VB-G RAM G विधेयक संसद में पेश होने की तैयारी

ICICI Prudential AMC IPO को ज़बरदस्त रिस्पॉन्स, दूसरे ही दिन फुल सब्सक्राइब हुआ

थोक महंगाई में नरमी के संकेत, नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक - 0.32 प्रतिशत पर पहुंची