By Ankit Jaiswal | Dec 09, 2025
भारतीय क्रिकेट में हार्दिक पांड्या की वापसी को लेकर टीम प्रबंधन और पूर्व खिलाड़ियों के बीच उम्मीदें लगातार बढ़ रही हैं। पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ और कोच संजय बांगर का मानना है कि पांड्या टीम इंडिया की टी20 संरचना में ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी जगह कोई नहीं ले सकता। मौजूद जानकारी के अनुसार वे एशिया कप में लगी चोट के बाद दो महीने से अधिक समय तक बाहर रहने के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरू हो रही पांच मैचों की वनडे सीरीज़ में वापसी के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
बता दें कि बांगर ने हार्दिक की बहुमुखी क्षमता को रेखांकित करते हुए कहा कि पांड्या बल्लेबाज़ी में शीर्ष पांच में अपनी जगह बना सकते हैं और अगर केवल गेंदबाज़ी की बात की जाए तो वह नियमित तीन तेज़ गेंदबाज़ों में भी स्थान हासिल कर सकते हैं। गौरतलब है कि उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी क्षमता किसी अन्य भारतीय खिलाड़ी में नज़र नहीं आती और यही बात उन्हें टीम के लिए अनिवार्य बनाती है।
वर्कलोड मैनेजमेंट पर बोलते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि पांड्या को कम से कम शुरुआती तीन मैच ज़रूर खेलने चाहिए ताकि उनकी फिटनेस और रिकवरी को सही तरीके से जांचा जा सके। उनके अनुसार, विश्व कप से ठीक पहले किसी भी प्रमुख खिलाड़ी पर अत्याधिक दबाव बनाना जोखिमपूर्ण हो सकता है और ऐसे में सावधानी बेहद ज़रूरी है। बता दें कि हार्दिक ने वापसी से पहले सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 42 गेंदों पर नाबाद 77 रन बनाए और चार ओवर भी डाले हैं।
संजय बांगर ने शुबमन गिल की वापसी पर भी टिप्पणी की और कहा कि टेस्ट कप्तान के रूप में मिली जिम्मेदारी और आत्मविश्वास उनके लिमिटेड ओवर क्रिकेट प्रदर्शन में भी सकारात्मक असर डालेगा। मौजूद जानकारी के अनुसार गिल लगभग एक महीने तक गर्दन की चोट के कारण मैदान से बाहर थे। बांगर का मानना है कि बढ़ते अनुभव के साथ गिल खेल स्थिति को बेहतर तरीके से समझने लगे हैं और शीर्ष क्रम में उनकी स्थिरता टीम की बैटिंग संरचना को संतुलित बनाती है।
संजू सैमसन पर बने चयन विवाद को लेकर बांगर ने कहा कि टी20 प्रारूप में सैमसन की सर्वश्रेष्ठ भूमिका शीर्ष क्रम में है और वहीं दूसरी ओर तिलक वर्मा, शिवम दुबे और हार्दिक पांड्या की मौजूदगी में मध्य क्रम में उनके लिए जगह बन पाना मुश्किल हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि विकेटकीपर बल्लेबाज़ जितेश शर्मा ने लोअर मिडिल ऑर्डर में खुद को साबित किया है और थोड़े पुराने गेंद के साथ बड़े शॉट लगाने की क्षमता उन्हें आगे बढ़त दिला रही है, ऐसे में उन्हें सातवें नंबर पर अवसर मिलने की पूरी संभावना है।
कुल मिलाकर टीम मैनेजमेंट के सामने मुख्य चुनौती यही रहेगी कि वे खिलाड़ियों की फिटनेस, भूमिका और संतुलन को ध्यान में रखते हुए सही संयोजन तैयार कर पाएं, क्योंकि हार्दिक पांड्या जैसे ऑलराउंडर की मौजूदगी पूरी टीम संरचना को नई दिशा देने में सहायक साबित हो सकती है और उनका फिट रहना भारतीय टीम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।