By अनन्या मिश्रा | Oct 09, 2025
मशहूर सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान आज यानी की 09 अक्तूबर को अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने हिंदुस्तानी संगीत के प्रसिद्ध रागों के साथ अन्य रागों का भी सृजन किया है। अमजद अली खान ने महज 12 साल की उम्र में अपनी पहली संगीत प्रस्तुति देकर सभी को अपनी कला से मंत्रमुग्ध कर दिया। अमजद अली खान ने ऐसे वाद्य यंत्र से भारतीय संगीत को समृद्ध करने का काम किया है, जो ईरान से लाए गए वाद्य रबाब की तरह है। हालांकि उसमें भारतीय संगीत के हिसाब से कुछ बदलाव किए गए हैं। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर सरोद वादक अमजद अली खान के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 09 अक्तूबर 1945 को अमजद अली खान का जन्म हुआ था। वह संगीत के सेनिया बंगश घराने से ताल्लुक रखते हैं। इनके पिता का नाम उस्ताद हाफिज अली खान था, जोकि ग्वालियर राज दरबार में प्रतिष्ठित संगीतज्ञ थे। अमजद अली खान को संगीत विरासत में मिला था। बचपन से ही उनको संगीत का माहौल मिला। बता दें कि महज 10 साल की उम्र में अमजद अली खान ने यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति मार्शल टीटो और भारतीय राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के ग्वालियर आगमन उनके समक्ष सरोद वादन किया था।
हिंदुस्तानी संगीत के मशहूर और मशहूर न होने वाले रागों के अलावा अमजद अली खान ने अन्य राग भी तैयार किए हैं। उन्होंने दूसरों की धुनों को भी अपने संगीत में मिला लिया। अमजद अली खान ने सेनिया बीनकर घराने की शुद्धता को कायम रखते हुए सुहाग भैरव, हरिप्रिया, मंदसमीर किरण रंजनी और विभावकारी चन्द्रध्वनि जैसे नए रागों का सृजन भी किया।
अमजद अली खान ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि के रूप में राग प्रियदर्शनी समर्पित किया था। उन्होंने महात्मा गांधी की 120वीं जयंती पर 'राग बापू कौस' की रचना की थी। इसके अलावा अमजद अली खान ने पूर्व पीएम राजीव गांधी को श्रद्धांजलि के तौर पर कमलश्री समर्पित किया। वह दुनियाभर के कई म्यूजिक सेंटर्स जैसे- हाउस ऑफ कॉमन्स, फ्रैंकफर्ट का मोजार्ट हॉल सिम्फनी सेंटर, रॉयल अल्बर्ट हॉल, कैनेडी सेंटर, ऑस्ट्रेलिया का सेंट जेम्स पैलेस और ओपेरा हाउस आदि में परफॉर्मेंस दे चुके हैं।
बता दें कि उन्होंने भरतनाट्यम नृत्यांगना शुभालक्ष्मी को अपना हमसफर बनाया। साल 1974 में दोनों की पहली मुलाकात कोलकाता में कला संगम कार्यक्रम में स्टेज परफॉर्मेंस देने के बाद हुई थी। जिसके बाद दोनों की दोस्ती हुई और फिर यह प्यार में बदल गया। हालांकि दोनों को शादी के लिए करीब 2 साल इंतजार करना पड़ा। साल 1976 में अमजद अली खान की शुभालक्ष्मी से शादी हुई और दोनों के दो बेटे अमान अली बंगश और अयान अली बंगश हैं।