By Prabhasakshi News Desk | Aug 07, 2024
नयी दिल्ली । भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बुधवार को कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लि. और उसके चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक सी पार्थसारथी से 15 दिन के भीतर लगभग 25 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा है। यह मामला ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ के जरिये ग्राहकों की राशि के दुरुपयोग से जुड़ा है। सेबी के उनपर लगाये गये जुर्माने का भुगतान करने में विफल रहने के बाद यह नोटिस दिया गया है। सेबी ने अप्रैल, 2023 में कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लि. (केएसबीएल) और पार्थसारथी को प्रतिभूति बाजार से सात साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।
पावर ऑफ अटॉर्नी का गलत उपयोग कर ग्राहकों की राशि का दुरुपयोग करने के लिए उनपर 21 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था। नियामक ने केएसबीएल पर 13 करोड़ रुपये और प्रवर्तक-सह-प्रबंध निदेशक पार्थसारथी पर आठ करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। अपने ताजा नोटिस में नियामक ने केएसबीएल और पार्थसारथी को 15 दिन के भीतर क्रमशः 15.21 करोड़ रुपये और 9.36 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है। इसमें ब्याज और वसूली लागत शामिल है।
बाजार नियामक बकाया का भुगतान नहीं करने की स्थिति में बैंक खातों को कुर्क और कंपनी की चल तथा अचल संपत्तियों को बेचकर राशि वसूल करेगा। इसके अलावा, पार्थसारथी को गिरफ्तारी का भी सामना करना पड़ सकता है। मामला केएसबीएल के बड़े पैमाने पर संपत्ति जुटाने के अभियान से संबंधित है। उसके बाद ग्राहकों को ब्याज देने के वादे के साथ जुटाई गई रकम का उपयोग करके वित्तीय संस्थानों से कोष जुटाया गया। इस राशि का दुरुपयोग किया गया और केएसबीएल से जुड़ी संस्थाओं को भेज दिया गया। इससे कंपनी राशि लौटाने को लेकर दायित्व निभाने में चूक की।