By अभिनय आकाश | May 02, 2024
सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान एक क्षण ऐसा भी आया जब वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मजाकिया लहजे में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को अपने अधीन इंटर्नशिप करने की अनुमित देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति बीआर गवई की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ, राज्य की आवश्यक मंजूरी के बिना कई मामलों में केंद्रीय जांच बोर्ड (सीबीआई) की जांच के संबंध में केंद्र के खिलाफ पश्चिम बंगाल द्वारा दायर एक मूल मुकदमे पर सुनवाई कर रही थी।
जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि हर किसी को डॉ. सिंघवी से सीखना चाहिए कि सभी अदालतों में बिल्कुल सही समय पर कैसे उपस्थित रहना है। एसजी मेहता ने कहा कि मैं उनसे 3 महीने के लिए इंटर्न के रूप में लेने का अनुरोध कर रहा हूं ताकि मैं भी सीख सकूं। सिंघवी ने जवाब में कहा कि मैं एक अति योग्य प्रशिक्षु को शामिल नहीं कर सकता!
क्या है पूरा मामला
पश्चिम बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 का इस्तेमाल करते हुए केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक मूल मुकदमा दायर किया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि सीबीआई राज्य की आम सहमति के बिना जांच शुरू कर रही है और एफआईआर दर्ज कर रही है। अनुच्छेद 131 केंद्र और एक या अधिक राज्यों के बीच विवादों पर सर्वोच्च न्यायालय को मूल अधिकार क्षेत्र प्रदान करता है। 16 नवंबर, 2018 को पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के भीतर जांच या छापेमारी करने के लिए सीबीआई को दी गई अपनी "सामान्य सहमति" रद्द कर दी।