भारत में मुंह पर ताला लगाकर बैठें शेख हसीना, नहीं तो...मोहम्मद यूनुस ने दी खुली चेतावनी

By अभिनय आकाश | Sep 05, 2024

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने भारत की ओर से देश पर राजनीतिक टिप्पणी करने के लिए बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर निशाना साधा है। यूनुस ने इसे अमित्रतापूर्ण इशारा बताया। यूनुस के अनुसार, जब तक ढाका उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध नहीं करता, तब तक दोनों देशों को असुविधा से बचाने के लिए हसीना को चुप रहना चाहिए। यूनुस ने कहा कि अगर भारत, बांग्लादेश द्वारा हसीना को वापस बुलाए जाने तक उन्हें अपने पास रखना चाहता है तो शर्त यह होगी कि उन्हें (हसीना को) चुप रहना होगा। 

इसे भी पढ़ें: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री Sheikh Hasina के खिलाफ हत्या के दो और मामले दर्ज किये गये

यूनुस 13 अगस्त की हसीना की टिप्पणियों का जिक्र कर रहे थे, जिसमें उन्होंने न्याय की मांग करते हुए कहा था कि हाल के आतंकवादी कृत्यों, हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों की जांच की जानी चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। यूनुस के मुताबिक, हसीना की टिप्पणियां बांग्लादेश या भारत के लिए अच्छी नहीं हैं। देश में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और भारत में शरण ली थी। इसके बाद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया। यूनुस ने कहा कि भारत में कोई भी उनके रुख से सहज नहीं है क्योंकि मुकदमा चलाने के लिए उन्हें वापस लाना चाहते हैं। वह भारत में हैं और कुछ बयान दे रही हैं जो कि समस्या पैदा करते हैं। अगर वह चुप रहतीं, तो हम इसे भूल जाते। लेकिन भारत में बैठकर वह बोल रही हैं और निर्देश दे रही हैं। यह किसी को रास नहीं आ रहा।

इसे भी पढ़ें: Teesta Dispute: भारत के साथ बातचीत फिर से शुरू करना चाहता है बांग्लादेश, अतंरिम सरकार को भी स्वीकार नहीं तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप

भारत के साथ द्विपक्षीय समझौतों के भविष्य के बारे में यूनुस ने कहा कि पारगमन और अदाणी बिजली समझौते जैसे कुछ समझौतों पर फिर से विचार करने की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि हर कोई कह रहा है कि इसकी जरूरत है। हम देखेंगे कि दस्तावेजों पर क्या है और जमीनी हकीकत क्या है। मैं इसका विशेष रूप से उत्तर नहीं दे सकता। अगर समीक्षा करने की जरूरत हुई तो हम इसके बारे में सवाल करेंगे। बीएनपी ने कहा है कि अगर वह सत्ता में आती है तो अवामी लीग शासन के दौरान हस्ताक्षरित संदिग्ध अडानी बिजली सौदे की समीक्षा और पुनर्मूल्यांकन करेगी, क्योंकि यह बांग्लादेश के लोगों पर बहुत अधिक दबाव डाल रहा है।

प्रमुख खबरें

अमित शाह ने स्वदेशोत्सव 2025 का किया उद्घाटन, आत्मनिर्भर भारत के विजन को मिला नया मंच

रूस का भारत को तेल की गारंटी: पश्चिमी दबाव बेअसर, पुतिन ने किया अहम वादा

23rd India-Russia Summit में मोदी–पुतिन की बड़ी घोषणाएँ, Vision 2030 पर हस्ताक्षर

RBI की मौद्रिक नीति के फैसले के बाद रुपया 16 पैसे टूटकर 90.05 प्रति डॉलर पर