By Prabhasakshi News Desk | Mar 01, 2025
मुंबई । शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष पद के लिए दावा पेश करेगी। उन्होंने तर्क दिया कि अतीत में यह पद विपक्षी दलों को दिया गया था, जबकि उस समय उन्होंने 10 प्रतिशत सीटें भी नहीं जीती थीं। राउत ने कहा कि 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों की संयुक्त रूप से कुल संख्या लगभग 50 है। महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र 3 से 26 मार्च के बीच आयोजित किया जाएगा।
राउत ने दावा किया, ‘‘शिवसेना (उबाठा) विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए दावा करेगी। भले ही विधायकों की संख्या कम हो, लेकिन संविधान में ऐसा कोई कानून या प्रावधान नहीं है जो कहता हो कि सदन को विपक्ष के नेता के बिना काम करना चाहिए। शिवसेना (उबाठा) के 20 विधायक हैं।’’ पिछले दिनों कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि अगर शिवसेना विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए दावा करती है तो वह विधानपरिषद में भी इसी पद की मांग करेगी। वर्तमान में, शिवसेना के अंबादास दानवे विधानपरिषद में विपक्ष के नेता हैं लेकिन एमएलसी के तौर पर उनका कार्यकाल इस साल अगस्त में खत्म हो जाएगा।
महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन में, उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली शिवसेना (उबाठा), शरद पवार की राकांपा (एसपी) और कांग्रेस शामिल हैं। विधानसभा में शिवसेना (उबाठा) के 20 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 16 और राकांपा (एसपी) के 10 सदस्य हैं। राउत ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि स्पीकर नेता प्रतिपक्ष का पद पाने की हमारी मांग स्वीकार करेंगे।’’
यह पूछे जाने पर कि शिवसेना (उबाठा) का कोई भी शीर्ष नेता प्रयागराज महाकुंभ में क्यों नहीं गया, राउत ने कहा कि पार्टी ने इस मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत का अनुसरण किया। राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘मैंने मोहन भागवत को महाकुंभ जाते और गंगा नदी में डुबकी लगाते नहीं देखा। हम उनके (भागवत) महाकुंभ में जाने का इंतजार कर रहे थे और हम भी उनके पीछे-पीछे चले जाते। आरएसएस का कोई भी वरिष्ठ पदाधिकारी महाकुंभ में नहीं गया। हमारी वहां जाने की योजना थी, लेकिन हमने उनमें से किसी को वहां जाते नहीं देखा।’’ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ शिवसेना के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने महाकुंभ में नहीं जाने को लेकर उद्धव ठाकरे पर हमला बोला था।