शिवपाल बोले- 10 मार्च को भाजपा के सब लोग ठंडे हो जाएंगे, सपा गठबंधन 300 से ज्यादा सीटें लाएगा

By अंकित सिंह | Feb 19, 2022

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को तीसरे चरण की वोटिंग होगी। तीसरे चरण में यादव लैंड और बुंदेलखंड के कुछ हिस्सों में चुनाव होने हैं। कुल मिलाकर देखें तो उत्तर प्रदेश में भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच दिलचस्प मुकाबला दिखाई दे रहा है। इन सबके बीच आज समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने बड़ा बयान दिया है। शिवपाल यादव ने कहा कि जहां पर भी अखिलेश यादव का रोड शो होता है, वहां पर अपार जनसमूह उमड़ पड़ता है। इससे ही लग रहा है कि भाजपा का सफाया होना है। उन्होंने कहा कि 10 मार्च को जैसे ही नतीजे आएंगे भाजपा के सब लोग ठंडे हो जाएंगे। गठबंधन 300 से ज़्यादा सीटें लाएगा। शिवपाल ने आगे कहा कि सपा गठबंधन आसपास की सभी सीटों पर जीत हासिल करेगा। बीजेपी कोशिश करेगी लेकिन कुछ नहीं कर पाएगी। पिछले 5 सालों में केवल समस्याएं थीं, चाहे वह महंगाई हो, बेरोजगारी हो, भ्रष्टाचार हो, या बिजली हो… हम पश्चिम में लगभग 50/58 सीटें और मध्य यूपी में 45-50 सीटें जीतेंगे। उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री को बुलडोजर चलेगा, ठोक दिए जाएंगे इस तरह की बातें नहीं कहनी चाहिए, ये पद की गरिमा के खिलाफ है। बीजेपी ने सिर्फ मंदिर/मस्जिद की बात की, हिंदू/मुसलमान की, विकास नहीं हुआ। आपको बता दें कि शिवपाल यादव फिलहाल अखिलेश यादव के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे हैं। शिवपाल यादव जसवंत नगर से विधायकी का चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट का वह कई वर्षों से प्रतिनिधित्व भी करते आ रहे हैं। 

 

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इससे पहले प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विभिन्न गांवों में घूमते हुए मतदाताओं से बड़ी संख्या में वोट देने का आग्रह किया और उम्मीद जताई कि जब 10 मार्च को चुनाव परिणाम आएंगे तो वह रिकॉर्ड अंतर से चुनाव जीतेंगे। शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के चाचा हैं। अखिलेश के मुख्यमंत्री रहते शिवपाल को बर्खास्त करने से 2016 में चाचा-भतीजे के रिश्ते में खटास आ गई थी। जनवरी 2017 में अखिलेश सपा अध्यक्ष बने और शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) नाम से अपनी पार्टी बनाई थी। वर्ष 2017 में पारिवारिक कलह के कारण अखिलेश यादव की पार्टी उप्र की 403 सीटों में 47 सीटों पर ही सिमटकर रह गई थी।

 

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