By Ankit Jaiswal | Oct 12, 2025
एमके वेल्थ मैनेजमेंट ने अनुमान लगाया है कि चांदी की कीमतें अगले एक साल में करीब 20 फीसदी और बढ़ सकती हैं और यह लगभग 60 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक पहुंच सकती हैं। बता दें कि इस साल अब तक चांदी में करीब 70 फीसदी की तेज़ी दर्ज की जा चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बढ़त सीमित आपूर्ति, औद्योगिक मांग में तेज़ी और भू-राजनीतिक अस्थिरता के बीच निवेशकों की सुरक्षित निवेश की ओर वापसी की वजह से जारी है।
मौजूदा जानकारी के अनुसार, वैश्विक चांदी बाज़ार में इस समय करीब 20 फीसदी की आपूर्ति की कमी बनी हुई है। यह कमी निकट भविष्य में भी जारी रहने की संभावना है, जिससे कीमतों में मजबूती बनी रह सकती है। वहीं औद्योगिक स्तर पर चांदी की मांग लगातार बढ़ रही है। सौर ऊर्जा पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में चांदी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है, जिससे इसकी खपत में लगातार इजाफा हो रहा है।
इसके साथ ही, दुनिया भर में जारी आर्थिक अनिश्चितता और तनावपूर्ण भू-राजनीतिक हालातों के बीच निवेशक सोने और चांदी जैसे सुरक्षित विकल्पों की ओर लौट रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती से डॉलर कमजोर हो सकता है, जिससे डॉलर में मूल्यांकित संपत्तियाँ जैसे सोना और चांदी और भी आकर्षक बन जाएंगी।
गौरतलब है कि इस साल चांदी ने कॉमेक्स पर करीब 70 फीसदी और एमसीएक्स पर लगभग 71 फीसदी तक की बढ़त दर्ज की है, जो ऐतिहासिक ऊंचाई के करीब है। वहीं सोना भी अब तक 61.82 फीसदी तक चढ़ चुका है, जिससे यह पारंपरिक निवेश साधनों में सबसे अधिक रिटर्न देने वाला एसेट बन गया है।
एमके वेल्थ मैनेजमेंट के प्रोडक्ट्स हेड आशीष राणावडे का कहना है कि संस्थागत निवेशक और केंद्रीय बैंक अब अमेरिकी डॉलर की जगह सोने में भरोसा जता रहे हैं, जिससे कीमती धातुओं का रुझान और मजबूत हुआ है। तकनीकी रूप से भी चांदी एक “ब्रेकआउट ज़ोन” में प्रवेश कर चुकी है, जो आने वाले समय में रिकॉर्ड स्तर तक जाने का संकेत देता है।
बता दें कि भारत की अर्थव्यवस्था फिलहाल मजबूत स्थिति में है। अगस्त 2025 में भारत का मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस पीएमआई 15 से 17 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार, 2025 और 2026 में भारत की विकास दर 6.2 से 6.3 फीसदी रहने की उम्मीद है। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, चीन-प्लस-वन रणनीति और मजबूत उपभोक्ता मांग भारत की विकास कहानी को और रफ्तार दे रही हैं।
कुल मिलाकर, एमके वेल्थ मैनेजमेंट का मानना है कि कीमती धातुओं की मौजूदा तेजी अभी खत्म नहीं हुई है और खासतौर पर चांदी सुरक्षित निवेश और औद्योगिक मांग दोनों ही मोर्चों पर निवेशकों के लिए आकर्षक बनी हुई है। यही कारण है कि आने वाले महीनों में इसकी कीमतों में और उछाल देखने को मिल सकता है।