एसएम सहगल फाउंडेशन महात्मा पुरस्कार 2021 से सम्मानित, कृषि और आजीविका के क्षेत्र में रहा योगदान

By प्रेस विज्ञप्ति | Oct 09, 2021

नई दिल्ली। एस एम सहगल फाउंडेशन को ग्रामीण भारत में कृषि और आजीविका के क्षेत्र में किये गये उल्लेखनीय योगदान के लिए महात्मा पुरस्कार -2021 से नवाजा गया है। फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ सूरी सहगल के नेतृत्व में ग्रामीण भारत में कृषि और आजीविका के क्षेत्र में सामाजिक प्रभाव के लिए एस एम सहगल फाउंडेशन को यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। पुरस्कार  नई दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित एक समारोह में मुख्य अतिथि डॉ किरण बेदी, पूर्व उपराज्यपाल पुडुचेरी एवं  पुरस्कार संस्थापक श्री अमित सचदेवा और अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में प्रदान किया गया। यह पुरस्कार सहगल फाउंडेशन की मुख्य परिचालन अधिकारी, सुश्री अंजलि मखीजा, और सुश्री पूजा ओ. मुरादा, प्रमुख लीड, विकास एवं आउटरीच द्वारा प्राप्त किया गया। डॉ. सहगल ने एक फसल वैज्ञानिक, बीजक, वैश्विक संकर बीज उद्योग विशेषज्ञ और मानवतावादी के रूप में योगदान देकर ग्रामीण भारत के लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव किया है। 

 

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डॉ सहगल ने इस विश्वास के साथ विकास किया जिससे ग्रामीण भारत के 6,40,000 समुदायों के हर व्यक्ति को सुरक्षित, समृद्ध और सम्मानजनक जीवन जी सके। उन्होंने सबसे गरीब और अनिश्चित परिस्थितियों में रहने वाले भारत के छोटे जोत वाले किसान परिवारों की आजीविका और जीवन में सुधार कर  लंबे समय से वंचित महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण पर जोर देने के साथ काम को प्राथमिकता दी। सहगल फाउंडेशन के पांच मुख्य कार्यक्रम क्षेत्र हैं: जल प्रबंधन, कृषि विकास, स्थानीय भागीदारी और स्थिरता, एक समय में एक स्कूल के जीवन को बदलना और ग्रामीण समुदायों को सशक्त व शिक्षित करने के लिए उनके साथ बेहतर संवाद स्थापित करने के लिए आऊटरीच फॉर ड्वेल्पमेंट। इन कार्यक्रमों को एक कुशल शोध दल द्वारा व्यवस्थित रूप से पूरे शोध के बाद लागू किया जाता है जो स्थायी परिणाम प्राप्त करने के लिए निर्धारित कार्यों को भागीदारी अनुसंधान, प्रभाव मूल्यांकन और बेहतर आपसी संवाद के जरिए बेहतर परिणाम प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होता है।


कृषि विकास कार्यक्रम महिला उत्पादकों सहित किसानों की क्षमता का निर्माण करके, बेहतर कृषि पद्धतियों और फसल की पैदावार बढ़ाने वाली नई तकनीकों, पानी के संरक्षण और मिट्टी की उर्वरता में सुधार करके स्थायी आजीविका को बढ़ावा देता है। सहगल फाउंडेशन की टीम वर्षा आधारित और सिंचित क्षेत्रों में छोटे किसानों के साथ काम करती है ताकि बेहतर और उन्नत कृषि पद्धतियों को अपनाने की सुविधा मिल सके जिसमें मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, फसल उत्पादन प्रबंधन, इनपुट-उपयोग दक्षता, छोटे कृषि मशीनीकरण, जल-कुशल सिंचाई तकनीक, बागवानी शामिल हैं। विकास, पशुधन प्रबंधन, और कृषि में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का उपयोग शामिल है। सहगल फाउंडेशन कॉर्पोरेट, सरकार, शैक्षणिक, सामाजिक क्षेत्रों में भागीदार के रूप में कार्यरत है और ग्रामीण समुदायों के साथ जमीनी स्तर पर कार्य करने से ग्रामीण विकास पहल और निरंतर विकास की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं। 


एस एम सहगल फाउंडेशन की स्थापना 1999 में ग्रामीण भारत में सकारात्मक सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय परिवर्तन प्राप्त करने के लिए समुदाय के नेतृत्व वाली विकास पहल को मजबूत करने के लिए एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में की गई थी। सहगल फाउंडेशन पिछले दो दशकों से ग्रामीण भारत में सरकार, ग्रामीण समुदायों और कार्पोरेट्स के साथ मिलकर विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है और पारदर्शी तरीके से अपनी सभी परियोजनाओं को सफलतापूर्वक कार्यान्वित कर रहा है। 

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