By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 28, 2018
मुम्बई। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार में धर्म की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि सबरीमला मंदिर मुद्दे को ‘राजनीतिक औजार’ के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। उच्चतम न्यायालय ने 10 से 50 साल की उम्रसीमा वाली महिलाओं को केरल के इस प्रसिद्ध मंदिर में प्रवेश की इजाजत दी जिसके बाद इस पर राष्ट्रीय बहस छिड़ गयी। केंद्रीय कपड़ा मंत्री यहां आईआईटी बंबई के वार्षिक सांस्कृतिक समारोह ‘मूड इंडिगो’ के 48वें संस्करण में बोल रही थी।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार में धर्म की कोई भूमिका नहीं है। शासन और राजनीति में फर्क होना चाहिए। लेकिन इन दोनों के बीच सुंदर संतुलन से देश की अच्छी तरह सेवा हो सकती है।’’ सबरीमला मंदिर में 10-50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर जारी बहस के बारे में पूछे जाने पर ईरानी ने कहा कि हर धर्म और मंदिर की अपनी मान्यताएं होती हैं और व्यक्ति की धर्मपालन की आजादी संविधान में है।
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उन्होंने कहा, ‘‘सबरीमला मुद्दे का राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। व्यक्ति को संविधान के संदर्भ में तार्किक पाबंदियों का अध्ययन करने और उसे समान अधिकारों की हर दूसरी बहस का आधार नहीं बनाने की जरुरत है।’’ मी टू अभियान के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि बच्चों को बढ़ती उम्र के दौरान ही साथी इंसान के परस्पर सम्मान का पाठ पढ़ाया जाना चाहिए।