By अंकित सिंह | Feb 27, 2022
प्रतापगढ़ का कुंडा सीट हमेशा सुर्खियों में रहता है। कुंडा सीट से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया लगातार चुनाव जीतते रहे हैं। इन सबके बीच इस बार कुंडा में समाजवादी पार्टी ने एक मजबूत उम्मीदवार उतारा है। कुंडा में राजा भैया के खिलाफ समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी गुलशन यादव चुनावी मैदान में हैं। इन सबके बीचप्रतापगढ़ जिले के थाना कोतवाली कुंडा के पहाड़पुर बनोही में सुबह 11:00 बजे समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी गुलशन यादव के काफिले पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। इस हमले में उनके वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं और उन्हें मामूली चोट भी आई हैं। खुद पुलिस उपाधीक्षक (क्षेत्रधिकारी) कुंडा अजीत कुमार ने इस घटना की पुष्टि कर ही हैं। अजीत कुमार ने बताया कि गुलशन यादव भ्रमण पर निकले थे और जैसे ही वह पहाड़पुर बनोही मतदान केंद्र से आगे निकले घाट लगाए कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया जिसमें उनके वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
गुलशन यादव ने हमले के बाद राजा भैया के समर्थकों पर बड़ा आरोप लगाया है। गुलशन यादव ने दावा किया कि राजा भैया के समर्थकों ने उनपर हमला किया है। आपको बता दें कि कुंडा राजा भैया का गढ़ कहा जाता है। राजा भैया जनसत्ता पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। गुलशन यादव उनके पुराने सहयोगी रहे हैं जो इस बार राजा भैया के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। समाजवादी पार्टी ने पिछले 15 वर्षों से इस सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था लेकिन अखिलेश यादव ने इस बार गुलशन यादव को चुनावी मैदान में उतारकर कुंडा की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया। 1993 से लगातार राजा भैया यहां पर छह बार विधायक रहे हैं। राजा भैया अक्सर विवादों में भी रहते हैं।
वह सुर्खियों में तब आए थे जब 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने उन्हें गिरफ्तार करवा कर उनके खिलाफ आतंकवाद निरोधक अधिनियम (पोटा) भी लगाया था। वर्ष 2003 में मुलायम सिंह यादव की सरकार बनने के तुरंत बाद उनके खिलाफ पोटा सहित सभी आरोप हटा दिए गए और उनका राजनीतिक कद रातोंरात बढ़ गया। इसके बाद से उनका सपा के साथ संबंध बना रहा और पार्टी ने उनके खिलाफ 2007, 2012 और 2017 के तीन चुनावों में उम्मीदवार नहीं उतारा। लोगों का मानना है कि मौजूदा विधायक द्वारा लड़े गए किसी भी पिछले चुनाव में ऐसा मुकाबला नहीं देखा गया था। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने राजा भैया को कुंडा का गुंडा कहा था और यह खिताब राजनीतिक हलकों में तबसे बना हुआ है। कहा जाता है कि वह कुंडा में अपने परिवार के तालाब में अपने दुश्मनों को मगरमच्छों को खिलाते थे, लेकिन राजा भैया इससे इनकार करते हैं।