By प्रेस विज्ञप्ति | Sep 17, 2025
बिहार में नीतीश सरकार “सशक्त बिहार” की ओर निर्णायक कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार ने विकास और सुशासन की ऐसी राह पकड़ी है, जिससे हर वर्ग को नई उम्मीदें मिल रही हैं। शिक्षा, महिला रोजगार, श्रमिक हित और बुनियादी ढाँचा जैसे क्षेत्रों में लगातार नई योजनाएँ और मदद की घोषणाएँ की जा रही हैं। छात्रों के लिए उच्च शिक्षा सुलभ बनाने से लेकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने तक, हर पहल सरकार के दूरदर्शी विज़न को दर्शाती है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में सुधार हो या महिला रोजगार योजना का क्रांतिकारी कदम, सबका मक़सद यही है कि बिहार के युवाओं, महिलाओं और श्रमिकों को मज़बूती मिले और वे राज्य के विकास में सक्रिय भागीदार बनें।
इसके साथ ही सड़कों, पुलों और कनेक्टिविटी पर किया जा रहा निवेश यह साबित करता है कि नीतीश सरकार केवल वर्तमान नहीं बल्कि आने वाले कल की तस्वीर भी गढ़ रही है। “सशक्त बिहार” का सपना अब कागज़ी योजना नहीं रहा, बल्कि जमीनी हक़ीक़त में बदलता दिख रहा है। यही वजह है कि जनता का भरोसा नीतीश सरकार की नीतियों और विज़न पर लगातार बढ़ता जा रहा है।
बिहार सरकार ने “स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड” योजना के तहत उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए शिक्षा ऋण पर ब्याज की दर को ही समाप्त करने का ऐलान किया है। इस बदलाव से उन परिवारों को राहत मिलेगी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, और छात्रों को बिना अतिरिक्त आर्थिक दबाव के आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। महिला रोजगार को बढ़ावा देने के लिए “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025” शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को ₹2,10,000 तक की वित्तीय सहायता मिल सकती है, साथ ही उनकी पहली किस्त के रूप में ₹10,000 भी तुरंत प्रदान किया जाएगा। वहीं परसरमा-अररिया मार्ग को 2-लेन सड़क में अपग्रेड करने के लिए राज्य सरकार ने अब तक ₹1,547 करोड़ की मंजूरी दी है। इस परियोजना से न केवल स्थानीय कृषि उत्पादों जैसे मखाना एवं मक्का का व्यापार बढ़ेगा, बल्कि लोगों की आवाजाही और समग्र आर्थिक गतिविधियाँ भी बेहतर होंगी।
बिहार सरकार की ये नई योजनाएँ इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि राज्य शासन सचमुच “हर वर्ग” को साथ लेकर चलने की नीति पर काम कर रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार ने यह साबित किया है कि विकास केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि आम नागरिक के जीवन में बदलाव लाने का वास्तविक प्रयास है। यदि इन योजनाओं को पूरी पारदर्शिता और मजबूती से अमली-जामा पहनाया गया, तो यह केवल बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल साबित होगा। “सशक्त बिहार” का सपना अब एक नारा नहीं, बल्कि एक ठोस हक़ीक़त में बदलता दिखाई दे रहा है, और इसमें नीतीश सरकार की दूरदर्शी नीतियों की भूमिका अहम है।