अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के 35 कर्मचारियों की अचानक मौत से हड़कंप, कोरोना के नये स्ट्रेन का खौफ

By रेनू तिवारी | May 13, 2021

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में इस समय खौफ का महौल है। हर रोज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और कर्मचारी कोरोना से अपनी जान गंवा रहे हैं। हालात बेकाबू है। किसी को समझ नहीं आ रहा कि यहां कोरोना वायरस इस तरह खतरनाक कैसे हो गया है। मौतें बहुत ज्यादा हो रही है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों का सिलसिला अभी भी  जारी है। एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर शोएब जहीर (56) का कोविड-19 से निधन हो गया। परिवार के सदस्य के अनुसार, प्रोफेसर जहीर का निधन दिल्‍ली के एक अस्पताल में हुआ। अब तक एएमयू सेकड़ों लोग अपनी जांन गवां चुके हैं जिसमें से विश्वविद्यालय  के 17 प्रोफेसर शामिल है। बड़ती मौतों की संख्या ने सभी की चिंता को बढ़ा दिया है। 

 

कोरोना के स्ट्रेन को जांच के लिए भेजा गया

शिक्षकों सहित कम से कम 34 कर्मचारियों की मौत से चिंतित, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने अपनी कोविड -19 प्रयोगशाला में एकत्र नमूनों को नई दिल्ली में सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी में वायरस जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा है। एएमयू के कुलपति तारिक मंसूर ने रविवार को कहा कि उन्होंने अलीगढ़ में कोरोनोवायरस के मामलों में वृद्धि को बढ़ावा देने वाले एक नए कोविड -19 संस्करण के बढ़ते संदेह के बाद आईसीएमआर के महानिदेशक को लिखा था। ICMR के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव को लिखे अपने पत्र में, वीसी ने उनसे यह अध्ययन करने का आग्रह किया कि क्या कोई विशेष कोरोनावायरस संस्करण परिसर में घूम रहा है, जिसकी वजह से परिसर में बेहिसाब मौतें हो रही हैं। 

 

18 दिनों में हुई एएमयू  के 35 कर्मचारियों की मौतें

अपने पत्र में, वी-सी तारिक मंसूर ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अन्य कर्मचारियों के अलावा 16 सेवारत और 18 सेवानिवृत्त शिक्षकों ने पिछले 18 दिनों में संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया है। वीसी ने पत्र में कहा, "यह आपके संज्ञान में है कि 16 एएमयू संकाय सदस्य, अन्य श्रेणियों में सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों की संख्या, जो विश्वविद्यालय परिसर और आसपास के इलाकों में रह रहे हैं, कोविड -19 के आगे झुक गए हैं।

 

योगी आदित्यनाथ ने हालातों का लिया जायजा 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति से फोन पर वार्ता कर विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों तथा वहां कार्यरत चिकित्सकों एवं अन्य कार्मिकों के स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में जानकारी ली। मंगलवार को यहां जारी सरकारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने एएमयू में कुछ चिकित्सकों एवं कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने की खबरों का संज्ञान लेकर कुलपति से वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय के परिसर में बड़ी संख्या में लोग रहते हैं, इन्हें कोविड संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सभी उपाय किये जाना आवश्यक है। योगी ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव में टीकाकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है और वर्तमान में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग का टीकाकरण भी प्रारम्भ हो गया है। उन्होंने कुलपति से लक्षित आयु वर्ग के लिए तत्परतापूर्वक टीकाकरण कराये जाने की अपेक्षा करते हुए कहा कि इस कार्य में प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा।

 

बहुजन समाज पार्टी ने पीएम से स्पेशल टीम भेजने का किया अनुरोध 

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद कुंवर दानिश अली ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कई शिक्षकों और कर्मचारियों की मौत की पृष्ठभूमि में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह स्थिति का जायजा लेने के लिए एक केंद्रीय टीम एएमयू भेजें। उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी कहा कि इस विश्वविद्यालय के तहत आने वाले जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन संयंत्र लगाने तथा दूसरे जरूरी चिकित्सा उपकरणों के लिए तत्काल पर्याप्त धन मुहैया करने की जरूरत है। लोकसभा सदस्य दानिश अली ने कहा, ‘‘एएमयू में हालात का जायजा लेने और बिना देर किए कदम उठाने के लिए यह जरूरी है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर से जुड़े लोगों की एक केंद्रीय टीम वहां भेजी जाए।’’ उन्होंने पत्र में यह आग्रह किया, ‘‘कोरोना वायरस स्वरूप से निपटने के लिए जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज को चिकित्सा सहायता या पर्याप्त धन मुहैया कराया जाए।’’ एएमयू के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने पिछले तीन सप्ताह में कोविड -19 के संक्रमण से 17 सेवारत वरिष्ठ संकाय सदस्यों की मौत हो गई है। खबरों के मुताबिक, विश्वविद्यालय के कई सेवानिवृत्त शिक्षकों की मौत भी कोरोना से हुई है। 

 

कुलपति ने टीकाकरण अभियान में शामिल होने की लोगों से अपील की है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में शिक्षकों, सेवानिवृत्त शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की कोविड-19 और उसके लक्षणों से होने वाली मौतों से चिंतित कुलपति प्रोफेसर मंसूर ने रविवार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक को पत्र लिखकर विश्‍वविद्यालय और उसके आसपास के वातावरण में वायरस के स्वरूपों की जांच कराने का अनुरोध किया था।

 

आईसीएमआर के महानिदेशक को रविवार को भेजे गये पत्र में कुलपति प्रोफेसर मंसूर ने आशंका व्यक्त की है कि एएमयू परिसर और आसपास के इलाकों में कोरोना वायरस के एक विशेष स्वरूप से होने वाले संक्रमण के कारण मौतें हो रही हैं। उन्होंने कहा था कि जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला इस शहर में पाए जाने वाले वायरस के स्वरूप के जीनोम अनुक्रमण का पता लगाने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक एंड इंटीग्रेटेड बायोलॉज प्रयोगशाला, नई दिल्ली को नमूने भेज रहा है। एएमयू के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को पीटीआई- को बताया कि सोमवार देर रात आईसीएमआर के महानिदेशक ने एएमयू के कुलपति से बात की थी और उन्हें आश्वासन दिया था कि एएमयू से दिल्ली में केंद्रीय प्रयोगशाला में भेजे गए नमूनों की जांच की जा रही है।