By टीम प्रभासाक्षी | Sep 11, 2021
नयी दिल्ली। इंटरनेट की उपलब्धता और कोरोना वायरस महामारी के चलते जहां लोग घरों में रहने को मजबूर हुए हैं, वहींं बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग का क्रेज बढ़ा है। बीते साल के मुकाबले इस साल ऑनलाइन गेमिंग की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है। साल 2020 में 2019 के मुकाबले 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। जिसके साथ ही यह संख्या 360 मिलियन हो गई है। ऑनलाइन गेम्स के बढ़ते ट्रेंड के साथ यह कई परेशानियों की वजह भी बना है। ऑनलाइन गेम की बढ़ती लत के चलते बच्चे अपराधिक रास्तों की ओर रुख कर रहे हैं ।देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसे मामले देखने को मिले हैं जहां बच्चों ने अपराधिक गतिविधियों का रास्ता चुना है।
बात करें हाल के कुछ मामलों की तो मध्य प्रदेश के कई हिस्सों से ऐसी शिकायतें आ रही हैं जहां बच्चे ऑनलाइन गेम में उलझ कर गलत रास्ते पर जा रहे हैं। सूचना के अनुसार एक बच्चे ने ऑनलाइन गेम में रकम हारने पर आत्महत्या कर ली थी। इसके अलावा कई और भी ऐसे मामले हैं , जिनसे पता चलता है कि ऑनलाइन गेम खेलने के चक्कर में बच्चे चोरी जैसी आदतों में भी पड़ रहे हैं। ऐसे बढ़ते मामलों को देखते हुए साइबर सेल ने बच्चों को कुछ हिदायतें दी हैं। राज्य सरकार और सेल द्वारा बच्चों को ऑनलाइन गेम से दूर रहने और उनसे तौबा करने की सलाह दी गई है। साथ ही छतरपुर जिले की पुलिस ने ऐसे बच्चों को सम्मानित करने की पहल भी शुरू की है जो ऑनलाइन गेम से पीछे हट रहे हैं।
साथ ही पुलिस की साइबर सेल ने बच्चों के अभिभावकों को अपने बच्चों पर नजर रखने की सलाह दी है और कहा कि हो सके तो बच्चों को मोबाइल ना दें। बच्चों के ऑनलाइन एक्टिविटीज पर नजर रखें। और बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज के लिए बिना सिम कार्ड का मोबाइल दे और पैरेंटल कंट्रोल ऑन करके रखें और बच्चों को ट्रांजैक्शन की छूट ना दें। इन गाइडलाइंस पर अभिभावकों का कहना है किं बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस और पढ़ाई के चलते यह काम उनके लिए चुनौती भरा है।