मानवीयता की जीत: सुप्रीम कोर्ट ने गर्भवती बांग्लादेशी महिला को भारत वापस लाने का आदेश, बच्चे संग होगा पुनर्वास

By अभिनय आकाश | Dec 03, 2025

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बांग्लादेश से निर्वासित गर्भवती महिला सोनाली खातून को उसके बच्चे के साथ 'मानवीय आधार' पर भारत वापस लाने का आदेश दिया है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह सोनाली खातून और उसके आठ साल के बेटे को वापस लाएगी और कहा कि उन पर निगरानी रखी जाएगी और उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह पूरी तरह से 'मानवीय आधार' पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हालाँकि महिला बांग्लादेशी है, लेकिन वह भारत के बीरभूम में रह रही थी।

इसे भी पढ़ें: PM modi on Bangladesh: PM मोदी की वो बात, जिस पर फिदा हो गई खालिदा जिया की BNP

भारत के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने अपने आदेश में केंद्र सरकार के इस आश्वासन का उल्लेख किया कि महिला सोनाली खातून को उसकी स्थिति को देखते हुए मुफ्त चिकित्सा देखभाल और सभी आवश्यक सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी। शीर्ष अदालत ने अधिकारियों को उसके बच्चे की दैनिक देखभाल सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। यह आदेश केंद्र सरकार द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका के जवाब में जारी किया गया था, जिसमें सितंबर में कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें निर्वासित परिवार को वापस भेजने का निर्देश दिया गया था।

इसे भी पढ़ें: Khaleda Zia Unwell | बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया की हालत गंभीर, भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्त की चिंता, दिया हर तरह की मदद का आश्वासन

उच्च न्यायालय का यह फैसला महिला के पिता भोदू सेख द्वारा दायर एक याचिका पर आधारित था। इससे पहले की सुनवाई के दौरान, सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र से मानवीय आधार पर गर्भवती महिला और उसके आठ साल के बेटे को वापस लाने का आग्रह किया था, और इस बात पर ज़ोर दिया था कि माँ और बच्चे को अलग नहीं किया जाना चाहिए।

प्रमुख खबरें

Priyanka Gandhi ने UDF पर भरोसा जताने के लिए केरल की जनता को धन्यवाद दिया

Messi के 14 दिसंबर को Mumbai दौरे के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है : पुलिस

इस सर्दी में दिल्ली में पराली जलाने की कोई घटना नहीं हुई: Delhi Chief Minister

Pakistan में ड्रोन के रिहायशी इलाके में गिरने से तीन बच्चों की मौत