By मिताली जैन | Jan 04, 2019
सर्दी का मौसम बहुत से लोगों को काफी अच्छा लगता है, लेकिन वहीं दूसरी ओर यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं की जड़ भी बनता है। इस मौसम में सिर्फ खांसी−जुकाम या ठंड लगने जैसी समस्याएं ही नहीं होतीं, बल्कि हृदय रोगियों के लिए भी यह मौसम काफी हद तक खतरनाक माना जाता है। दरअसल, ठंड के मौसम में खून की थिकनेस बढ़ने लगती है। साथ ही पारा गिरने के कारण ब्लड वेसल्स भी सिकुड़ जाते हैं, जिससे दिल में रक्त का प्रवाह सही तरह से नहीं हो पाता और जिसके कारण हार्ट अटैक की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे में हृदय रोगियों को यह सलाह दी जाती है कि वह इस कंपकंपाती ठंड में विशेष ध्यान रखें। तो चलिए जानते हैं ठंड के मौसम में दिल का किस तरह रखें ख्याल−
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वॉक को बनाएं साथी
हृदय व शरीर के अन्य भागों में रक्त व ऑक्सीजन के बेहतर संचार के लिए जरूरी है कि आप सुबह व शाम कुछ देर के लिए वॉक अवश्य करें। यह शरीर में गर्माहट भी बनाए रखेगा। हालांकि इस बात का ध्यान भी रखें कि बहुत अधिक ठंड में वॉक न करें।
बचें ठंड से
इस मौसम में बच्चे व बूढ़ों को ही नहीं, हृदय रोगियों को ठंड से बचने की विशेष आवश्यकता होती है। ठंड से बचने के लिए हमेशा शरीर को गर्म कपड़ों से ढंककर रखें। सुबह बहुत जल्दी या देर रात को बाहर जाने से बचें। अगर किसी कारणवश बाहर जाना पड़े तो खुद को अच्छी तरह कवर करना न भूलें। कोशिश करें कि दोपहर के समय कुछ देर के लिए धूप में अवश्य बैठें। इससे शरीर को गर्माहट तो मिलेगी ही, साथ ही विटामिन डी की कमी भी पूरी होगी।
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खान−पान में सावधानी
इस मौसम में बहुत अधिक मीठी व तली हुई चीजें खाने का मन करता है, लेकिन हृदय रोगी इसका सेवन कम से कम करें। साथ ही सिगरेट व शराब का भी सेवन ना करें। भोजन में मौसमी फल व हरी पत्तेदार सब्जियों व सूप आदि को अवश्य शामिल करें।
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ओवरहीटिंग करेगी नुकसान
जिस प्रकार एक हृदय रोगी के लिए ठंड हानिकारक है, वहीं दूसरी ओर, बहुत अधिक गर्मी भी उसे नुकसान पहुंचा सकती है। उदाहरण के तौर पर, अगर आपने खुद को पूरी तरह कवर किया है और उसके बाद आप फिजिकल एक्टिविटी कर रहे हैं। इसके बाद अगर आपको पसीना आने लगा है तो यह खतरे का संकेत है। दरअसल, ओवरहीटिंग होने पर हृदय रोगी को हाइपरटेंशन हो सकता है। इस स्थिति में रक्तचाप एकदम निम्न हो जाता है।
-मिताली जैन