By अभिनय आकाश | Dec 08, 2025
अफगानिस्तान और पाकिस्तान को जोड़ने वाला स्पिन बोल्ट का मशहूर फ्रेंडशिप गेट अब टूट चुका है। यह कभी पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्तों का प्रतीक माना जाता था। लेकिन अब इसकी हालत जर्जर हो चुकी है। कभी मजबूती से खड़ा यह दरवाजा अब गोलीबारी और धमाकों के निशान लिए खंडहर बन गया है। दूसरी ओर जून 2025 की पुरानी तस्वीरें याद दिलाती हैं कि यही दरवाजा कुछ महीनों पहले तक बिल्कुल सुरक्षित, साफ सुथरा और व्यापारिक गतिविधियों का शांत गवाह है। दरअसल हाल ही में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से सीमा पर झड़प तेज हो गई। दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई जिसने दोनों देशों के रिश्तों को एक बार फिर संकट में डाल दिया। बॉर्डर के दोनों ओर से मोटार और भारी हथियारों का इस्तेमाल हुआ जिसकी आवाजें कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। स्थानीय लोग बताते हैं कि हालात इतने खराब थे कि परिवारों को बिना सामान समेटे घर छोड़कर भागना पड़ा।
सीमा के दोनों ओर रात भर अफरातफरी का माहौल रहा। अफगान पक्ष का कहना है कि पाकिस्तान की सीमा सुरक्षा बलों ने पहले हमला किया और अफगान सैनिकों को जवाबी कारवाई के लिए मजबूर होना पड़ा। वहीं पाकिस्तान इन आरोपों को सिरे से नकार रहा है और दावा कर रहा है कि गोलीबारी की शुरुआत अफगान बलों ने बिना किसी उकसावे की। अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार के उप प्रवक्ता हमदुल्लाह फ़ितरत ने शनिवार को अरब न्यूज़ को बताया कि दुर्भाग्य से कल रात पाकिस्तानी पक्ष ने एक बार फिर कंधार के स्पिन बोल्डक पर हमला किया। इस्लामिक अमीरात की सेनाओं को जवाब देना पड़ा। उन्होंने कहा कि हिंसा में अफगान पक्ष के पांच लोग मारे गए, जिनमें चार नागरिक शामिल हैं, जबकि पांच अन्य घायल हो गए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के प्रवक्ता मुशर्रफ जैदी ने कहा कि तालिबान ने अपनी साझा सीमा पर बिना उकसावे के गोलीबारी की। उन्होंने एक्स पर लिखा, हमारे सशस्त्र बलों ने तत्काल, माकूल और कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान अपनी क्षेत्रीय अखंडता और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह सतर्क और प्रतिबद्ध है। स्पिन बोल्डक के स्थानीय निवासियों ने अरब न्यूज़ को बताया कि शुक्रवार की झड़पों के कारण परिवारों को अपने घर छोड़ने पड़े।
तहरीक तालिबान पाकिस्तान एक आतंकी संगठन है जिसे पाला तो पाकिस्तान ने खुद लेकिन अब यही टीटीपी पाकिस्तान की सरकार और सेना को लगातार निशाना बना रहा है। और जब पाकिस्तान टीटीपी से निपटने में नाकाम है तो इसका इल्जाम अफगानिस्तान पर डालने की कोशिश कर रहा है और कहीं ना कहीं फ्रेंडशिप गेट का टूटा हुआ ढांचा अब सिर्फ एक इमारत का नुकसान नहीं बल्कि एक ऐसे रिश्तों का प्रतीक है जो भरोसे संवाद और स्थिरता की तलाश में लगातार संघर्ष कर रहे हैं। सीमा की इस लड़ाई ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या दोनों देश इस तनाव के चक्र से कभी निकल पाएंगे या यह विवाद और ज्यादा बढ़ जाएगा।