By अंकित सिंह | Jun 08, 2023
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि भाजपा 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने से डरी हुई है क्योंकि उसे वहां एकजुट विपक्ष का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा यह तय नहीं करेगी कि विपक्षी सम्मेलन का क्या असर होगा। दरअसल वह लोकसभा चुनाव का सामना करने से डरी हुई है। वह हाल में हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हारगयी है। उसे राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों में एकके बाद एक हार दिखाई दे रही है।
भारतीय जनता पार्टी भाजपा ने आगामी 23 जून को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक के मद्देनजर अपने राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे भले ही एक दूसरे में सहारा ढूंढ रहे हों लेकिन वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके अरमान उसी प्रकार बह जाएंगे, जिस प्रकार बिहार के भागलपुर में 1,750 करोड़ रुपये का पुल पानी में बह गया। केंद्रीय महिला एंव बाल विकास और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि अभी 1750 करोड़ रूपये की लागत का एक पूरा ढांचा वहां पानी में बह गया। उनके अरमान भी 2024 में इसी प्रकार बह जाएंगे, यह मेरा विश्वास है।
उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के प्रमुखनीतीश कुमार लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का मुकाबला करने के लिए ‘एकजुट विपक्ष’ की तरफदारी करते आ रहे हैं। उन्होंने पिछले साल भाजपा से नाता तोड़ लिया था। यादव और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ‘लल्लन’ ने बुधवार को घोषणा की थी कि विपक्षी दलों का सम्मेलन 23 जून को होगा जिसमें राहुल गांधी, ममता बनर्जी और सीताराम येचुरी जैसे विभिन्न नेता भाग लेने को राजी हो गये हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल राजग से नीतीश के बाहर आने के कुछ ही समय बाद राव पटना आये थे और उन्होंने राष्ट्रीय एकता की कुमार की पैरोकारी पर मुहर लगायी थी। हालांकि इस बात की आशंका है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री ऐसे किसी ऐसे गठबंधन का हिस्सा होंगे जिसमें कांग्रेस होगी। तेलंगाना में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है। हालांकि हाल में बीआरएस ने इस बात का पर्याप्त संकेत दिया कि ‘एकजुट विपक्ष’ का हिस्सा बनने के बजायवह ‘तेलंगाना मॉडल’ पर चलेगी।