By अंकित सिंह | Jun 05, 2023
2024 चुनाव में महज 1 साल से भी कम का वक्त बचा हुआ है। इस चुनाव को लेकर राजनीतिक दल अपने-अपने समीकरणों को साधने की कोशिश में लग गए हैं। एक ओर जहां विपक्षी एकता को मजबूत बनाने की कवायद हो रही है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा भी अपने एनडीए को विस्तार करने की कोशिश में जुटी हुई है। 2024 चुनाव के मद्देनजर भाजपा अपने कुनबे को और मजबूत कर रही है और पुराने सहयोगी भी भाजपा खेमे में जुटते नजर आ रहे हैं। टीडीपी, अकाली दल, उपेंद्र कुशवाहा जैसे भाजपा के पूर्व सहयोगियों ने एनडीए में वापसी के पॉजिटिव संकेत दिए हैं।
चंद्रबाबू नायडू की आंध्र प्रदेश की राजनीति में मजबूत पकड़ है। वह 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में सहयोगी थे। लेकिन 2019 से पहले ही उन्होंने एनडीए से अलग होने का फैसला लिया था। वह 2019 में मजबूत विपक्षी एकता की कवायद में जुट गए थे। हालांकि, भाजपा से अलग होने के बाद उनकी पार्टी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जबरदस्त तरीके से हार गई। हाल के दिनों में चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इसके बाद उनकी एनडीए में वापसी की अटकलें तेज हो गई हैं।
किसान आंदोलन के दौरान शिरोमणी अकाली दल ने बीजेपी के साथ अपना पुराना गठबंधन तोड़ लिया था। इस फैसले से पंजाब के विधानसभा चुनाव में दोनों ही दलों को जबरदस्त नुकसान का सामना करना पड़ा। शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डातक उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। इसके बाद से भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के नजदीकी बढ़ने लगी है। संसद के उद्घाटन समारोह को लेकर भी शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा को अपना समर्थन दिया था।
भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर जबरदस्त तरीके से भाजपा पर हमलावर थे। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ओमप्रकाश राजभर ने तो ऐलान तक कर दिया था कि हम भाजपा और योगी आदित्यनाथ को मठ में भेज देंगे। लेकिन अब भाजपा को लेकर उनके तेवर नरम हो गए हैं। माना जा रहा है कि उनकी एनडीए में जल्द ही वापसी हो सकती है।
जदयू से अलग होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी एक नई पार्टी बनाई उपेंद्र कुशवाहा लगातार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा एनडीए में एक बार फिर से शामिल हो सकते हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए का हिस्सा रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा 2019 चुनाव से पहले बाहर होने का फैसला लिया था। लेकिन उनका यह फैसला सही नहीं रहा। इसके अलावा रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान लगातार भाजपा के प्रति नरम रुख रख रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर जीतन राम मांझी महागठबंधन में सही सम्मान नहीं मिला तो वह भी एनडीए का हिस्सा हो सकते।